logo-image

Expert Exit Poll: 2014 से कम रही मोदी लहर, फिर भी बनेगी NDA की सरकार, जानें कैसे

एग्‍जिट पोल और वीआईपी सीटों का एग्‍जिट पोल के बाद अब हम आपको राजनीतिक विशेषज्ञों द्वारा किए गए विश्‍लेषण बताने वाले हैं.

Updated on: 21 May 2019, 10:32 PM

नई दिल्ली:

एग्‍जिट पोल और वीआईपी सीटों का एग्‍जिट पोल के बाद अब हम आपको राजनीतिक विशेषज्ञों द्वारा किए गए विश्‍लेषण बताने वाले हैं. राजनीतिक एक्सपर्टों ने भी अवलोकन करके बताया है कि किन पार्टी को कितने सीटें मिलने वाली हैं. वरिष्ठ पत्रकार टीआर रामचंद्रन, रेणू मित्तल, सतीश पेडणेकर, राजेश बादल, एनके सिंह, चित्रात सान्याल और जगदीश उपासने ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए हैं.

वरिष्ठ पत्रकार टीआर रामचंद्रन ने कहा, लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) में एनडीए को 310 से 320 और यूपीए को 80 से 100 और अन्य को 122 सीटें मिल सकती है. हालांकि, बीजेपी को बहुमत मिलती नहीं दिख रही है. प्रधानमंत्री तो नरेंद्र मोदी ही बनेंगे. उन्होंने आगे कहा, पिछले 5 साल में पीएम नरेंद्र मोदी की बढ़ी है. उन्होंने राष्ट्रवाद को ज्यादा महत्व दिया है, जिससे किसानों को मुद्दा खत्म हो गया है.

यह भी पढ़ें ः चुनावी नतीजे के पहले बीजेपी ने मंत्रियों के साथ की बैठक, निकल कर आईं ये बातें सामने

वरिष्ठ पत्रकार टीआर रामचंद्रन ने कहा, जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि पूरे देश में विकास होना चाहिए. उन्होंने राष्ट्रवाद को 60 प्रतिशत वोट दिया है. उन्होंने कहा, पीएम ने ही ये मुद्दा उठाया था कि राष्ट्रवाद सबसे प्रमुख है. प्रज्ञा ठाकुर को लेकर पीएम ने भी विरोध जताया था. उन्होंने आगे कहा, नरेंद्र मोदी देश के बारे में बहुत ही पॉजिटिवली बातें करते हैं. मोदी सरकार में नौकरी की कमी रही. साथ ही उनकी सरकार में किसानों की हत्या बढ़ी है.

विशेषज्ञों ने आगे कहा, दिग्विजय सिंह ही हिन्दू आतंकवाद के जनक माने जाते हैं. उन्हें जवाब देने के लिए बीजीपी ने बहुत मजबूत प्रत्याशी उतारा है. क्या 2019 में मोदी की लहर चली है कि नहीं? रामचंद्रन ने कहा, पीएम ने काम बहुत किया है. अगर प्रियंका गांधी और पहले ईस्ट यूपी में आती तो इसका फायदा जरूर मिलता.

यह भी पढ़ें ः पीएम नरेंद्र मोदी के चुनावी अभियान से जुड़े रोचक तथ्‍य, 18 से 46 डिग्री तापमान में भी गरजे PM

वरिष्ठ पत्रकार रेणू मित्तल ने कहा, एनडीए को 180, यूपीए को 190 और अन्य 172 सीटें मिलने के आसार हैं. उन्होंने कहा, प्रियंका के आने से यूपी में कांग्रेस को जान मिली है. हालांकि, उन्होंने पीएम पद के लिए किसी भी नेता को बेहतर नहीं बताया. उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे को पीएम पद के लिए बेहतर बताया है. रेणू ने आगे कहा, रूरल और अर्बन का मुद्दा चुनाव में होना चाहिए. पीएम नरेंद्र मोदी ने इन मुद्दे पर नहीं बोला है. इस चुनाव में क्या मोदी लहर चली के सवाल पर उन्होंने कहा, बीजेपी की ओर से पूरे चुनाव में मोदी के अलावा कोई चेहरा सामने नहीं आया.

कितनी सीटें किन दलों को मिलेंगे के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार सतीश पेडणेकर ने कहा, एनडीए को 300, यूपीए को 100 से 110 और अन्य को 125 से 130 सीटें मिलने की उम्मीद हैं. उन्होंने आगे कहा, नरेंद्र मोदी भारतीयता की पहचान के रूप में उभरे हैं. उन्होंने आगे कहा, मनमोहन सिंह 10 साल में एक बार भी पाकिस्तान नहीं गए थे, लेकिन नरेंद्र मोदी पद ग्रहण करते ही पाकिस्तान चले गए.

यह भी पढ़ें ः 23 मई को लोकसभा चुनाव का फाइनल रिजल्ट सबसे पहले News State Mobile App पर देखें

वरिष्ठ पत्रकार सतीश पेडणेकर ने पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी को बेहतर बताया है. उन्होंने कहा, भारत में हमेशा से चुनाव चेहरे पर ही लड़ा जाता रहा है. इसी तरह 2019 का चुनाव भी चेहरे पर ही लड़ा गया. 2014 के चुनाव में राहुल गांधी 11 करोड़ और मोदी को साढ़े 17 करोड़ वोट मिले थे. हालांकि, प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं मिला है. प्रियंका गांधी ने ऐसा क्या किया कि लोग उन्हें वोट दे.

वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने कहा, एनडीए को 265, यूपीए को 175 और अन्य 103 से 104 सीटें मिलने के आसार हैं. उन्होंने कहा, अकेले बीजेपी को 190 से 200 सीटें मिलने की संभावना है. उन्होंने आगे कहा, जिस प्रदेश में पिछले चुनाव में कांग्रेस शून्य पर थी वहां भी कांग्रेस को बढ़त मिल सकती है. उन्होंने पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी को बेहतर बताया है. उन्होंने पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी 40 प्रतिशत और राहुल गांधी को 30 प्रतिशत वोट दिया है.

यह भी पढ़ें ः लोकसभा चुनाव 2019 में पहली बार ऐसा हुआ जिसे जानना चाहेंगे आप

वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने राष्ट्रवाद को 25 फीसदी और चेहरे को 35 फीसदी वोट दिए हैं. उन्होंने कहा, मोदी को लेकर लोगों में नाराजगी है, लेकिन लोगों के सामने कोई आप्शन नहीं है. 2014 की मोदी लहर 2019 के चुनाव में नहीं दिखी. उन्होंने कहा, प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस में जान आई है. यह बात कांग्रेस भी जानती थी कि प्रियंका गांधी के आने से यूपी को 40 सीटें नहीं मिलने वाली हैं, लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में इसका असर साफ-साफ दिखेगा.

वरिष्ठ पत्रकार राजेश बादल ने कहा, राहुल गांधी को लेकर बीजेपी ने क्या-क्या कहा. अगर प्रियंका गांधी वाराणसी से चुनाव लड़ जाती तो वह जरूर हार जातीं, लेकिन इससे उनका राजनीतिक करियर खत्म नहीं होता है. हां, प्रियंका गांधी राहुल गांधी से बेहतर नेता बन सकती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि मायावती और ममता बनर्जी भी पीएम पद की दौड़ में है. मायावती की प्रॉयट्री थी कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करना है.

यह भी पढ़ें ः सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी ऐसे बन गई वोट कटवा, चुनाव दर चुनाव खिसकती गई जमीन

वरिष्ठ पत्रकार जगदीश उपासने ने कहा, एनडीए को 324, यूपीए को 74 और अन्य 144 सीटें मिलने की संभावना है. उन्होंने 2014 और 2019 के चुनाव को तुलना करने ये सीटें दी हैं. हालांकि, इस चुनाव में ध्रुवीकरण कम रहा है. अगर बीजेपी ध्रुवीकरण का मुद्दा उठाती तो नतीजा कुछ और रहता. उन्होंने कहा, चुनाव शुरू होने पहले हमने कई हिन्दी बेल्ट में घूमकर देखा था. इस आधार पर एनडीए को 324 सीटें मिलने की संभावना है. उन्होंने कहा, अगर किसानों की हालात पर बात करें तो अब किसानों की हालात बेहतर है.

वरिष्ठ पत्रकार जगदीश उपासने ने कहा, एनडीए सरकार में किसानों की आत्महत्या की संख्या में कमी आई है. इस सरकार में किसानों के सामान को बेचने के लिए आनलाइन सिस्टम शुरू हो गया है. अब किसान मंडी जाने को मजबूर नहीं है. उन्होंने आगे कहा, इस चुनाव में राष्ट्रवाद प्रमुख रहा है. उन्होंने राष्ट्रवाद को 70 और नेताओं के चेहरे को 10 प्रतिशत वोट दिया है. उनका कहना है कि राष्ट्रवाद में भारतीयता से जुड़े सारे मुद्दे शामिल थे.

यह भी पढ़ें ः Lok Sabha Election 2019: कांग्रेस के हर बाउंसर पर पीएम मोदी ने मारा छक्‍का, जानें वो 10 बयान जो राहुल पर भारी पड़ गए

वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह ने कहा, एनडीए को 305, यूपीए को 125 और अन्य को 112 सीटें मिलने की उम्मीद है. 2014 में साफ दिखाई दे रहा था कि अन्ना हजारे की अनशन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी एक चेहरा बनकर सामने आए थे. इस बार कोई अन्ना हजारे सामने नहीं आया, इसलिए पीएम नरेंद्र मोदी आराम से 2019 में सफल होते दिख रहे हैं. हालांकि, हमने एग्जिट पोल से पहले एनडीए को 225 सीटें देने वाला था, लेकिन अब ये फिगर बदल गया. कांग्रेस की 72 हजार स्कीम बहुत अच्छी थी, लेकिन इसे लोगों तक ठीक से पहुंचाया नहीं गया. वहीं, बीजेपी ने 2 हजार रुपये देकर लोगों को अपनी ओर कर लिया.

वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस कभी अपने कामों का ढिंढोरा नहीं पिटती है. अगर हम पिछले 10 से 15 साल की बात करे तो छोटे-छोटे गावों और कब्जों के मुद्दे हासिये में चले गए हैं. बीजेपी काम नहीं करती है, वह सिर्फ काम की जिक्र करती है, जिक्र के साथ इसका फिक्र भी करती है. हालांकि, हर एक गांव में बीजेपी की स्कीम पहुंची है, इसलिए मोदी सीना ठोककर कहते हैं कि ये वोट मेरा है.

यह भी पढ़ें ः पीएम मोदी की नकल उड़ाने को लेकर ट्विंकल खन्ना हुईं ट्रोल, लोगों ने कहा- अक्षय तुम्हारी बीवी इरिटेट करती है

वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह ने राष्ट्रवाद को 20 प्रतिशत, ध्रवीकरण को 40 प्रतिशत वोट दिया है. उन्होंने कहा, खेत में काम करने वाले किसानों को राष्ट्रवाद से ज्यादा मतलब नहीं है. उन्होंने कहा, बालाकोट में हमला कराने का फैसला पीएम नरेंद्र मोदी था. ऐसा कांग्रेस के समय नहीं हुआ था.

वरिष्ठ पत्रकार चित्रात सान्याल ने कहा, एनडीए को 250, यूपीए को 150 और अन्य को 142 सीटें मिलने की उम्मीद है. बंगाल के लिए बीजेपी एक नई पार्टी है. ममता की सरकार के खिलाफ 2011 के बाद वोटर लामबंद होते दिख रहे हैं. बालाकोट से पहले बीजेपी की हालात खराब थी. बालाकोट से पहले एनडीए 150 सीट पर सिमट रही थी. इसके बाद करीब 100 सीटों की बढ़ोत्तरी हुई है. उन्होंने राष्ट्रवाद और ध्रवीकरण को 50-50 प्रतिशत वोट दिए हैं.

यह भी पढ़ें ः विपक्ष के 22 दलों के नेताओं ने चुनाव आयोग से की मुलाकात, पहले vvpat पर्चियों को गिनने की मांग

विशेषज्ञों का कहना है कि किसान और जाति भी इस चुनाव का मुद्दा रहा है. सपा-बसपा के एक होने से भी बीजेपी को नुकसान पहुंचेगा. राष्ट्रवाद मुद्दा साउथ में भी है. दक्षिण में 130 सीटें हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नुकसान की भरपाई दक्षिण से हो सकती है. ज्यादा सीटें केरल में मिल सकती हैं. साउथ में ध्रुवीकरण ज्यादा काम नहीं करेगा. ओडिशा में बीजेपी को कुछ सीटें मिल सकती हैं. नवीन पटनायक के गढ़ में बीजेपी को ज्यादा सीटें नहीं मिलेंगी, लेकिन कुछ फायदा जरूर होगा.

  • HIGHLIGHTS
  • वरिष्ठ पत्रकारों ने न्यूज नेशन में अपने-अपने एग्जिट पोल बताए
  • किसी ने एनडीए की तो किसी ने यूपीए को दिलाई बहुमत
  • प्रियंका गांधी के आने से कांग्रेस को ज्यादा फायदा नहीं हुआ