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NDA के सांसदों को नरेंद्र मोदी की नसीहत, मीडिया के बारे कही ऐसी बात

नरेंद्र मोदी ने सांसदों को नसीहत भी दी. उन्होंने किसी का नाम न लेते हुए कहा,

Updated on: 26 May 2019, 06:34 AM

नई दिल्‍ली:

लोकसभा चुनाव 2019 प्रचंड बहुमत से जीतने के बाद नरेंद्र मोदी शनिवार को सेंट्रल हॉल में जीतने वाले बीजेपी के 303 सांसदों से रूबरू थे. इससे पहले इस बैठक में सर्वसम्मति से पीएम नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना गया. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से हामी भरी. बीजेपी की सहयोगी पार्टियों ने एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर मोदी के नाम पर मुहर लगाई. सबसे पहले एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एलजेपी चीफ रामविलास पासवान ने मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा. इसका सभी ने समर्थन किया.

नरेंद्र मोदी ने सांसदों को नसीहत भी दी. उन्होंने किसी का नाम न लेते हुए कहा, "बड़बोलापन जो होता है, टीवी के सामने कुछ भी बोल देते हैं. बोल देते हैं तो 24-48 घंटे तक उनकी दुकान चलती है और अपनी परेशानी बढ़ती है. कुछ लोग सुबह उठकर राष्ट्र के नाम संदेश नहीं देते हैं, उन्हें चैन नहीं पड़ता. मीडिया को भी पता होता है कि 6 नमूने हैं, इनके गेट के सामने पहुंच जाओ कुछ ना कुछ बोलेंगे ही. ऐसी-ऐसी चीजें होती है, जिनका हमसे लेना-देना नहीं होता. ''

छपास और दिखास से बचें

उन्होंने कहा, ''यह बात मैं ये बात सदन चलते वक्त कहता तो लोग सोचते कि मेरे लिए कह रहा है. लेकिन, आज न्यूट्रल कह रहा हूं. आपको इससे बचना चाहिए. अटल-आडवाणी कहते थे कि छपास और दिखास से बचना चाहिए. खुद को भी बचा सकते हैं और दूसरों को भी बचा सकते हैं. ''

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मोदी ने कहा, "आज भी कई आ जाएंगे, पूछेंगे कि पहली बार जीतकर आए हैं, क्या कहेंगे? आपभी सोचेंगे कि देश देखेगा. भ्रम में ना रहें, शुरू में ये खींचता है और बाद में हम इसके शिकार हो जाते हैं. हम जितना इन चीजों को बचा सकते हैं तो बचाएं. कोई पूछे तो उसे रोकें कि एक घंटा रुको मैं जांच करता हूं. मूल बात रह जाएगी और रात तक आपका बयान और ना जाने क्या-क्या बयान आ जाएंगे. नए और पुराने जो साथी आए हैं, उनसे मेरा आग्रह है.. इनसे बचें. देश माफ नहीं करेगा. हमारी बहुत बड़ी जिम्मेवारियां हैं, इन्हें हमें निभाना है. '' उन्‍होंने यह भी कहां कि अखबारों के पन्‍नों से मंत्री नहीं बनते.

एनर्जी-सिनर्जी केमिकल 

इस दौरान NDA के संसदीय दल के नेता चुने जाने के बाद अब एक नया नारा (NARA) दिया. उन्‍होंने इसकी व्‍याख्‍या करते हुए इसका मतलब भी समझाया. उन्‍होंने कहा कि NARA का मतलब है नेशनल एस्‍पिरेशन, रीजनल एस्‍पिरेशन. यानी राष्‍ट्रीय आकांक्षाओं और क्षेत्रीय आकांक्षाओं के अनुरूप हमें कार्य करना पड़ेगा. एनडीए के पास दो महत्वपूर्ण चीजेंं हैं. एक एनर्जी और दूसरा सिनर्जी. एनर्जी-सिनर्जी ऐसा केमिकल है, जिससे हम सामर्थ्यवान हुए हैं. भारत के लोकतंत्र के लिए सभी पार्टियों को जोड़कर चलना समय की मांग है. उसमें आज सफलतापूर्वक कोई गठबंधन चला है, तो वह है एनडीए है. ' 

सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास हमारा मंत्र

उन्‍होंने अपने संबोधन में कहा कि "ये वह संविधान है, जिस पर देश के महापुरुषों के हस्ताक्षर हैं. पुराने तरीके काम नहीं आएंगे. एकमात्र मार्ग है कि 21वीं सदी में सभी को आगे ले जाना है. किसी को पंथ, जाति, भेदभाव के आधार पर पीछे छूटना नहीं चाहिए. छल को छेद करना है. हम उनको हैंडओवर करके बैठे रहें, यह मंजूर नहीं है. इस जिम्मेदारी को निभाएंगे तभी तो आगे बढ़ सकते हैं. सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास हमारा मंत्र है. ''