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कांग्रेस पर खासा आक्रामक दिखीं मायावती, गठबंधन में शामिल न करने के गिनाए ये 4 कारण

महागठबंधन की घोषणा के लिए बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में बसपा प्रमुख मायावती ने बीजेपी को तो आड़े हाथों लिया ही, साथ ही कांग्रेस को भी नहीं बख्‍शा.

Updated on: 12 Jan 2019, 05:10 PM

नई दिल्ली:

महागठबंधन की घोषणा के लिए बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में बसपा प्रमुख मायावती ने बीजेपी को तो आड़े हाथों लिया ही, साथ ही कांग्रेस को भी नहीं बख्‍शा. उन्‍होंने कांग्रेस पर भी ताबड़तोड़ हमले किए. मायावती ने कहा, कांग्रेस पार्टी से चुनावी गठबंधन करने से खास लाभ नहीं मिलेगा. कांग्रेस से गठबंधन करने से वोट ट्रांसफर नहीं होता. बीजेपी पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा, बोफोर्स में कांग्रेस की सरकार गई थी, राफेल में बीजेपी जाएगी. कांग्रेस ने घोषित इमरजेंसी की और बीजेपी ने अघोषित. कांग्रेस की तो जमानत तक जब्‍त हो चुकी है. उन्‍होंने कहा, गठबंधन से देश को बहुत उम्‍मीद है. बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्‍होंने कहा, ईवीएम ठीक से चला तो बीजेपी हार जाएगी. बीजेपी सीबीआई का गलत उपयोग करती है और सीबीआई का गलत इस्‍तेमाल करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव को खनन घोटाले में घसीटने की कोशिश की.

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मायावती ने कांग्रेस से गठबंधन न करने के गिनाए ये कारण 

  • कांग्रेस को तो हमारी पार्टी से पूरा लाभ मिल जाता है पर हमारी पार्टी को लाभ नहीं मिलता, यह कड़वा अनुभव 1996 के चुनावों में कांग्रेस से गठबंधन करके देखा जा चुका है.
  • समाजवादी पार्टी का भी कांग्रेस के साथ गठबंधन का अच्‍छा अनुभव नहीं रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में ही सपा ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया था और बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. 
  • हमारी पार्टी अब पूरे देश में कांग्रेस से कहीं भी गठबंधन करते हुए चुनाव नहीं लड़ेगी.
  • हाल के उपचुनाव में सपा और बसपा के वोट एक-दूसरे को ट्रांसफर हुए थे. उसी आधार पर अब लोकसभा चुनाव में भी गठबंधन करने जा रहे हैं. 

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उन्‍होंने कहा, समाजवादी पार्टी से 1993 में कांशीराम जी और मुलायम सिंह यादव जी के नेतत्‍व में गठबंधन हुआ था. हवा का रुख बदलते हुए बीजेपी जैसे घोर जातिवादी पार्टी से उत्‍तर प्रदेश को बचाने के लिए हुआ था. उन्‍होंने कहा, बीजेपी की घोर जातिवादी, संकीर्ण मानसिकता के कारण दोनों नेताओं ने गठबंधन करने का फैसला लिया है, जो बीजेपी को सत्‍ता में आने से रोकेगा.