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मध्य प्रदेश: शिवराज सिंह चौहान ने साध्वी प्रज्ञा को क्यों दी ऐसा न करने की सलाह, जानें वजह

एक तरफ जहां विपक्ष हमलावर हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अपने विवादित बयान की वजह से भी घिरती नजर आ रही है

Updated on: 21 Apr 2019, 01:15 PM

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल की संसदीय सीट से भारतीय जनता पार्टी ने जब से मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को उम्मीदवार घोषित किया है तब से ही सियासी माहौल गरमा गया है. एक तरफ जहां विपक्ष हमलावर हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अपने विवादित बयान की वजह से भी घिरती नजर आ रही है. साध्वी प्रज्ञा के विवादित बयानों से अब भारतीय जनता पार्टी की भी मुश्किलें बढ़ रही हैं. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने साध्वी प्रज्ञा को बीजेपी दफ्तर बुलाया है और साथ ही उन्हें आगे से ऐसा न करने की सलाह दी है. साध्वी प्रज्ञा अब तक ये विवादित बयान दे चुकी हैं.

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साध्वी प्रज्ञा के विवादित बोल

भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (Sadhvi Pragya Thakur) ने सबसे पहले मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि हेमंत करकरे उनकी श्राप की वजह से आतंकियों के शिकार बने थे. आयोग ने साध्वी के इस बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना है और उन्हें नोटिस जारी किया है. जिला चुनाव अधिकारी और कलेक्टर ने साध्वी प्रज्ञा से एक दिन के अंदर (24 घंटे) में जवाब मांगा है. आयोग ने कहा, लोकसभा चुनाव के दौरान बतौर बीजेपी प्रत्याशी साध्वी का ये बयान आचार संहिता का उल्लंघन है.

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इसके बाद साध्वी प्रज्ञा (Sadhvi Pragya) ने बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर विवादित बयान दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक टीवी चैनल पर साध्वी ने कहा, 'न सिर्फ बाबरी मस्जिद के ऊपर चढ़ी थी बल्कि उसे गिराने में भी मदद की थी. अब भव्य राम मंदिर भी वहीं बनाएंगे.' यही नहीं, उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस से राष्ट्र चेतना तो जागृत हुई ही, राष्ट्र सम्मान का भाव भी पैदा हुआ. यह अलग बात है कि साध्वी के इस बयान पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग (Election Commission) ने नोटिस थमा दिया.

भोपाल में दिग्विजय सिंह से है मुकाबला

बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बीजेपी का दामन थामा था. इसके बाद बीजेपी ने भोपाल में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के खिलाफ साध्वी प्रज्ञा को चुनावी मैदान में उतारा. इस सीट पर कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह को मैदान में उतारकर ऐसा पासा फेंका था कि बीजेपी (BJP) चारों खाने चित हो गई थी. इसके बाद भोपाल में हिंदूवादी साध्वी प्रज्ञा के रूप में बीजेपी ने दिग्विजय सिंह की उम्मीदवारी में अपने लिए सॉफ्ट टारगेट ढूंढ़ा. लेकिन अब साध्वी प्रज्ञा विवादित बयानों की वजह से बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है.

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