logo-image

इस बार देर से मिलेंगे लोकसभा परिणाम, जानें कैसे जिम्मेदार हैं विपक्षी दल

वीवीपैट-ईवीएम की पर्ची मिलान से परिणाम कम से कम 4 से पांच घंटे देर से प्राप्त हो सकते हैं.

Updated on: 08 May 2019, 02:00 PM

highlights

  • अब प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र मे 5 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा.
  • मंगलवार को 21 विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. इन दलों की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है.
  • उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने भी एक निजी चैनल पर स्वीकार किया था कि इस बार चुनावी नतीजों में कुछ देरी हो सकती है.

नई दिल्ली.:

विपक्षी दलों की ईवीएम मशीनों पर उठाई जा रही शंका का समाधान इस बार लोकसभा चुनाव परिणामों पर पड़ेगा. वीवीपैट-ईवीएम की पर्ची मिलान से परिणाम कम से कम 4 से पांच घंटे देर से प्राप्त हो सकते हैं. गौरतलब है कि पांचवें चरण के चुनाव के बाद विपक्षी पार्टियों ने एक बार फिर 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों के मिलान का राग छेड़ा है. हालांकि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट तक विपक्षी दलों की याचिका खारिज कर चुका है.

देरी की वजह बनेगा वीवीपैट-ईवीएम पर्ची का मिलान
ऐसे में चुनाव आयोग अपनी निष्पक्षता और ईवीएम पर विश्वास बहाली को लेकर वीवीपैट की पांच पर्चियों का मिलान करने को राजी हो गया है. इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने भी निर्देशित किया था. यही बात परिणामों में देरी की वजह बनेगी. उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने भी एक निजी चैनल पर स्वीकार किया था कि इस बार चुनावी नतीजों में कुछ देरी हो सकती है. नतीजे इस बार 4-5 घंटे देरी से आ सकते हैं. उन्होंने भी वीवीपैट-ईवीएम की पर्चियों के मिलान को इस देरी के लिए बड़ा कारण माना है.

यह भी पढ़ेंः 'चौकीदार चोर है' पर राहुल गांधी ने फिर बिना शर्त मांगी माफी, सुप्रीम कोर्ट से बोले- अब मामले को बंद कर दीजिए

सुप्रीम कोर्ट दे चुका है झटका
गौरतलब है कि मंगलवार को 21 विपक्षी दलों को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. इन दलों की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. इस याचिका को टीडीपी और कांग्रेस सहित 21 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था.

फिर चुनाव आयोग जाएंगे 21 विपक्षी दल
याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि वह इस मामले में दखलअंदाजी नहीं करना चाहते हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि जब चुनाव आयोग ने उनकी बात नहीं सुनी थी तो वह यहां आए, लेकिन अब वह फिर चुनाव आयोग जाएंगे. उन्होंने कहा कि तीसरा फ्रंट और चौथा फ्रंट सभी विपक्ष का ही हिस्सा है, हम पीएम उम्मीदवार का नाम चुनाव के बाद तय करेंगे.

यह भी पढ़ेंः Alwar Gang Rape : बीजेपी नेता ने कांग्रेस सरकार पर बोला हमला, सीएम गहलोत से मांगा इस्तीफा

सुप्रीम कोर्ट ने पहले के आदेश में कहा था ये
इसके पहले भी पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम पांच बूथ के ईवीएम और वीवीपैट की पर्चियों के औचक मिलान करने को कहा था. आयोग ने इसे मान भी लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस लोकसभा चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट के मिलान को पांच गुना बढ़ाया. कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र मे 5 वीवीपैट का ईवीएम से मिलान किया जाएगा. अभी सिर्फ एक का वीवीपैट मिलान होता है.