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कांग्रेस के वादे पर बोली सेना- ये फैसला आतंकियों को देगा खुली छूट

भारतीय सेना ने कांग्रेस के कश्मीर घाटी में सेना की कटौती और AFSPA पर पुनर्विचार करने के फैसले पर आपत्ति जताई है

Updated on: 03 Apr 2019, 10:36 AM

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Election 2019) में वोटरों को लुभाने के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस के इस घोषणापत्र पर सियासत गरम है. इस बीच भारतीय सेना (Indian Army) ने भी कांग्रेस के कश्मीर घाटी में सेना की मौजूदगी को घटाने और AFSPA पर पुनर्विचार करने के फैसले पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि कश्मीर में सेना की कटौती खतरनाक साबित हो सकता है.

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कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर आपत्ति जताते हुए सेना के सूत्रों का कहना है कि इस तरह का फैसला जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के लिए खुली छूट साबित होगा. सेना की मौजूदगी को कम करने की वजह से ही अनंतनाग और त्राल जैसे इलाकों में हालात बेकाबू बने हुए हैं. सेना के सूत्रों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर प्रशासन डिलिवर करने में फेल होता है, तो उसका घाटा सेना को ना भुगतने दें. जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए इस तरह की परिस्थिति को संभालना काफी मुश्किल हो सकता है.

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भारतीय सेना की ओर से AFSPA पर पुनर्विचार के फैसले भी आपत्ति जताई गई है. उनका कहना है कि इसकी कमी करना केवल देश विरोधी ताकतों को फायदा पहुंचाने जैसा ही होगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी टिप्पणी की है कि जम्मू-कश्मीर में AFSPA जरूरी है.

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गौरतलब है कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी किया. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ये भी कहा कि अगर वो सत्ता में आई तो कश्मीर में सेना को मिले विशेषाधिकार को भी कम करेगी. जबकि सेना को मिले विशेषाधिकार से कश्मीर में आतंक पर काफी लगाम लगी है. कांग्रेस ने 55 पेज के घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर के लिए पूरे पेज का मेनिफेस्टो जारी किया है.

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इससे पहले भारतीय जनता पार्टी भी कांग्रेस के घोषणा पत्र पर हमला बोला. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसमें कई बातें ऐसी हैं जो खतरनाक हैं. ऐसा लगता है कि घोषणापत्र में काफी बातें ऐसी हैं जो ऐसा लगता है कि राहुल गांधी के टुकड़े-टुकड़े गैंग वाले दोस्तों ने तैयार किए हैं. उन्‍होंने कहा कि राष्ट्र की एकता के खिलाफ और देश को तोड़ने वाला काम करते हैं.