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झारखंड: सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से नाखुश RJD, महागठबंधन से पार्टी कर सकती है किनारा

लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को झारखंड में झटका लगा सकता है.

Updated on: 24 Mar 2019, 08:37 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन को झारखंड में झटका लगा सकता है. राष्ट्रीय जनता दल ने झारखंड में महागठबंधन से दूर रहने का फैसला किया है. कांग्रेस, जीएमएम और जेवीएम के नेताओं ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में झारखंड गठबंधन ने सीट शेयरिंग का ऐलान किया.  कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) मिलकर राज्य की 14 में से 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. आरजेडी के लिए एक सीट छोड़ी गई है. सीट शेयरिंग के फाॅर्मूले से नाराज आरजेडी ने महागठबंधन से दूर रहने का फैसला किया है. जीएमएम सुप्रीमो शीबू सोरेन ने सीट शेयरिंग का ऐलान किया.

कांग्रेस सात, जेएमएम-चार, जेवीएम-दो और आरजेडी एक सीट पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस रांची, लोहरदगा, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, चाईबासा और खुटी सीट से, वहीं जेएमएम जमशेदपुर, गिरिडीह, राजमहल और दुमका सीट से और जेवीएम-पी गोड्डा और कोडरमा सीट से चुनाव लड़ेगी. पलामू सीट आरजेडी के लिए छोड़ी गई है. लेकिन विधानसभा चुनाव में विपक्षी दल जेएमएम नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। पार्टी ज्यादातर विधानसभा सीटों पर लड़ेगी.

सूत्रों के मुताबिक, आरजेडी इस सीट शेयरिंग से सहमत नहीं है और दो सीटों (पलामू और चतरा) की मांग कर रही है. संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में चारों पार्टी के नेताओं ने राज्य की 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया. लेफ्ट पार्टियों ने गठबंधन से पहले ही किनारा किया हुआ है. सीपीआई, सीपीआई (एमएल) और सीपीएम ने बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.

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एनडीए ने बीजेपी के खाते में 13 सीट जबकि एक एजेएसयू के खाते में डाली है. बीजेपी दस उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. बीजेपी ने लिस्ट में जयंत सिन्हा को उनकी वर्तमान सीट झारखंड के हजारीबाग से उम्मीदवार बनाया है. निशिकांत दुबे झारखंड के गोड्डा से चुनाव लड़ेंगे. लोकसभा की 543 सीटों के लिए मतदान 11 अप्रैल, 18, 23, 29 अप्रैल और छह, 12, 19 मई को होंगे और मतगणना 23 मई को की जाएगी.