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उमर अब्दुल्ला पुराने इतिहास को दोहराते हुए कहा- जम्मू-कश्मीर का होना चाहिए प्रधानमंत्री

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने नया शिगूफा छोड़ा है.

Updated on: 01 Apr 2019, 06:30 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने नया शिगूफा छोड़ा है. बांदीपोरा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'बाकी रियासत बिना शर्त के देश में मिले, पर हमने कहा कि हमारी अपनी पहचान होगी, अपना संविधान होगा. हमने उस वक्त अपने "सदर-ए-रियासत" और "वजीर-ए-आजम" भी रखा था, इंशाअल्लाह उसको भी हम वापस ले आएंगे.'

बता दें कि जम्मू-कश्मीर का आजादी के बाद भी अपना प्रधानमंत्री हुआ करता था. 1965 के बाद इसे हटा दिया गया. 15 अक्टूबर 1947 से 5 मार्च 1948 तक मेहर चंद महाजन रियासत के पहले प्रधानमंत्री बने थे. 1948 से 1953 तक शेख अब्दुल्ला प्रधानमंत्री रहे.

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गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद विधानसभा चुनाव कराने की मांग कर रहे हैं. उमर ने सुझाव दिया है कि लोकसभा चुनाव खत्‍म होने के बाद देश भर के अतिरिक्‍त सुरक्षाबलों का इस्‍तेमाल विधानसभा चुनावों के लिए किया जा सकता है. सही समय पर विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो जाए तो जुलाई की अमरनाथ यात्रा से पहले ये खत्‍म भी हो जाएंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य के लोग किसी एक पार्टी के शासन के पक्ष में मतदान करेंगे न कि गठबंधन वाली सरकार बनाने के पक्ष में.