Lok Sabha Election 2019 : तेलंगाना का निजामाबाद लोकसभा सीट इसबार इस वजह से रचेंगे इतिहास, जानें कैसे
निजामाबाद में 185 उम्मीदवार लड़ रहे हैं चुनाव, 11 अप्रैल को होंगे मतदान
हैदराबाद:
तेलंगाना में निजामाबाद लोकसभा सीट पर भारत के संसदीय चुनाव का इतिहास लिखा जाएगा. यहां चुनावी मैदान में 185 उम्मीदवार होने की वजह से सभी मतदान केंद्र पर बड़े आकार के 12 ईवीएम लगाए जाएंगे. निजामाबाद में लोकसभा की अन्य 16 सीटों के साथ 11 अप्रैल को मतदान होगा. यह देश की पहली लोकसभा सीट होगी, जिस पर इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवार हैं. रिकार्ड संख्या में उम्मीदवारों के होने की वजह यहां से चुनावी मैदान में 178 किसानों का खड़ा होना है. वे अपने कृषि उत्पादों के लिए उचित मूल्य की मांग पर लोगों का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए चुनावी मैदान में हैं. यह माना जा रहा था कि चुनाव आयोग यहां मतपत्र के जरिए मतदान करा सकता है, क्योंकि ईवीएम में अधिकतम 64 उम्मीदवारों के नाम ही शामिल हो सकते हैं.
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लेकिन चुनाव आयोग ने इस समस्या के समाधान के लिए इलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) को एम3 टाइप के 26,820 ईवीएम, 2240 कंट्रोल यूनिट और 2600 वोटर-वेरिफाइड पेपर आडिट ट्रेल्स (वीवीपीएटी) की आपूर्ति का आदेश दिया. सभी मतदान केंद्र पर एम3 टाइप के 12 ईवीएम होंगे और सभी सिंगल कंट्रोल यूनिट एवं वीवीपैट से जुड़े होंगे. ये सभी ईवीएम अंग्रेजी के एल आकार में रखे जाएंगे और सभी मशीन में अधिकतम 16 नाम होंगे. अधिकारियों ने कहा कि सभी 1778 मतदान केंद्रों पर सुचारु मतदान के लिए सभी व्यवस्था की जा रही है. इसके साथ ही शहर में एक मॉडल मतदान केंद्र बनाया जाएगा, जिससे लोगों में मतदान प्रक्रिया के बारे में जागरूकता लाई जा सके. सभी मतदान केंद्र पर फ्लेक्सी बोर्ड स्थापित किया जाएगा, जिसमें क्रम संख्या, नाम, तस्वीर और उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न होंगे, जिससे मतदाता आसानी से अपनी पसंद के उम्मीदवार की पहचान कर सकते हैं. लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी और निजामाबाद जिला कलेक्टर एम. राममोहन राव ने कहा कि यहां की गई विशेष व्यवस्था के बारे में निर्वाचन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है.
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उधर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे किसानों ने शिकायत की है कि उन्हें अब तक चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किया गया है. उन्होंने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रजत कुमार से अपील की है कि मतदान स्थगित किया जाए, क्योंकि उन्हें अपने चुनाव चिह्न को लोगों के बीच प्रचार के लिए समय नहीं मिलेगा. सीईओ ने कहा कि वे अपनी मांग चुनाव आयोग के समक्ष रख सकते हैं, जो इस बारे में अंतिम निर्णय लेगा. कुछ किसानों ने मतदान स्थगति कराने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया है, जिससे वे लोगों को अपने चुनाव चिह्न के बारे में बता सकें. उनकी याचिका पर संभवत: सोमवार को सुनवाई हो सकती है. अधिकारी नोटा सहित रिकार्ड 186 चिह्न आवंटित कर रहे हैं. किसानों ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया सुचारु नहीं हो सकती, क्योंकि सभी मतदाता को अपने पसंद के उम्मीदवार का चुनाव चिह्न चुनने में कम से कम 4-5 मिनट लगेंगे. इस लोकसभा सीट पर 15 लाख मतदाता हैं. यहां 200 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था और नाम वापसी के बाद 185 उम्मीदवार मैदान में हैं. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता यहां से दोबारा निर्वाचित होने के लिए मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस की ओर से मधु याक्षी गौर एवं भाजपा से डी. अरविंद प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हैं.
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