इस मुद्दे पर RSS के साथ खड़े हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार के इस निर्णय को गलत बताया.
भोपाल:
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने सोमवार रात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS)के कार्यालय समिधा से सुरक्षा-व्यवस्था हटाई तो बीजेपी के साथ दिग्विजय सिंह भी RSS के साथ खड़े नजर आए. उन्होंने कमलनाथ सरकार के इस कदम की आलोचना करने लगे. उधर, आरएसएस के प्रचार प्रमुख नरेंद्र जैन ने कहा कि हमने न तो सुरक्षा मांगी थी और न हमें इसे वापस लेने की कोई जानकारी. हमें सुरक्षा हटाने पर कोई आपत्ति भी नहीं है.
भोपाल राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कार्यालय से सुरक्षा हटाना बिल्कुल उचित नहीं है मैं मुख्य मंत्री कमल नाथ जी से अनुरोध करता हूँ कि तत्काल पुन: पर्याप्त सुरक्षा देने के आदेश दें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 2, 2019
राजधानी भोपाल में अरेरा कॉलोनी में स्थित संघ कार्यालय के बाहर एसएएफ जवानों का टेंट था. सोमवार रात 9:30 बजे अचानक कैंप हटना शुरू हुआ और रात 11 बजे तक एसएएफ जवान अपना सामान लेकर चले गए. समिधा संघ का मध्य क्षेत्र (यानी संपूर्ण मप्र के साथ छत्तीसगढ़) का मुख्यालय है. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य सरकार के इस निर्णय को गलत बताया. उन्होंने, मुख्यमंत्री कमलनाथ से फिर से संघ कार्यालय की सुरक्षा बहाल करने के आदेश देने की मांग की.
बता दें संघ कार्यालय पर पिछले 10 साल से एसएएफ के एक-चार जवानों की तैनाती थी. साल 2009 में तत्कालीन सरसंघचालक केएस सुदर्शन ने पद से निवृत्त होने की घोषणा के बाद समिधा को अपना निवास स्थान बनाने का निर्णय लिया था. उसी दौरान कार्यालय का रिनोवेशन हुआ था. सुदर्शन को राज्य सरकार ने विशेष सुरक्षा प्रदान की थी. इसी वजह से यहां एसएएफ के गार्ड तैनात किए गए थे. 15 सितंबर 2012 को उनके निधन के बाद भी जवान यहां तैनात रहे.
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राज्य के गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि चुनाव आयोग ने फोर्स की मांग की है. समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि कई जगहों पर बिना स्वीकृति के फोर्स तैनात है. ऐसे सभी स्थानों से जवानों को वापस बुलाने का निर्णय लिया गया. उसमें संघ कार्यालय भी शामिल है.
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सुरक्षा हटाए जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि संघ ने कभी सुरक्षा नहीं मांगी. संघ किसी की सुरक्षा का मोहताज नहीं है. सरकार को लगा कुछ आतंकवादी संगठनों से खतरा है, इसलिए सरकार में रहते हुए हमने सुरक्षा प्रदान की थी. केवल एक सतही कारण बता कर सुरक्षा हटा दी गई. चुनाव में अगर बल की जरूरत है तो सब नेताओं की सुरक्षा हटाएंगे क्या? इस तरह की दुर्भावना सुरक्षा के मामले में रखना, यह घटिया फैसला है. मैं निंदा इसकी करता हूं, और यह अपेक्षा भी करता हूं, कोई संगठन या व्यक्ति हो सुरक्षा के मामले में कम से कम सरकार अपनी जवाबदारी निभाएगी.
बीजेपी भी भड़की
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने समिधा से सुरक्षा हटाये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया है कि भोपाल स्थित आरएसएस कार्यालय से सुरक्षा का हटाया जाना बेहद ही निंदनीय कदम है. अगर किसी स्वयंसेवक को खरोंच भी आई तो कांग्रेस सरकार की ईंट से ईंट बजा दी जाएगी. बीजेपी प्रवक्ता लोकेंद्र पाराशर ने भी चेतावनी भरे लहजे में लिखा है कि राज्य सरकार का प्रतिशोध भरा कदम, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भोपाल कार्यालय से सुरक्षा हटाकर कांग्रेस ने शायद फिर हमले की योजना बनाई है. इन्हें क्या लगता है संघ डर जाएगा! संघ ना रुकता है ना झुकता है, किसी स्वयंसेवक को खरोंच भी आई तो समझ लें कि क्या होगा.
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