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यूपी की सियासत में 'नंदी बाबा' की एंट्री, सरकार और गठबंधन दोनों परेशान, पढ़ें पूरी खबर

यूपी (UP) की सियासत में विकास की जगह सांड (Bull) घुस गया है.

Updated on: 28 Apr 2019, 09:03 AM

नई दिल्ली:

Politics on bull : यूपी (UP) की सियासत में विकास की जगह सांड (Bull) घुस गया है. अब राजनीतिक दलों के दिग्गज नेता विकास के मुद्दों को छोड़कर 'नंदी महाराज' (Nandi Maharaj) पर जमकर सियासत कर रहे हैं. प्रदेश की बीजेपी सरकार जहां सांड को लेकर परेशान हो रही है, वहीं सपा-बसपा गठबंधन पशुधन को मुद्दा बनाने में जुट गया है. इस पर बीजेपी और गठबंधन के बीच ट्वीटर और जुबानी वार भी चल रहा है.

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पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की पत्नी डिंपल (Dimpal Yadeav) के चुनाव क्षेत्र कन्नौज में पिछले दिनों एक सांड ने मुसीबत खड़ी कर दी थी. सांड ने ऐसा उत्पात मचाया कि अखिलेश यादव और मायावती का हेलीकॉप्टर करीब 15 मिनट आसमान में ही अटका रहा. इस पर सपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा- एक रैली में एक सांड पशुओं और किसानों की ओर से ज्ञापन देने घुस आया था. जाना था तिरवा, पहुंच गया छिबरामऊ. जब उसे बताया कि ये उनको बेघर करने वालों की रैली नहीं है, तब जाकर वो शांत हुआ.

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अखिलेश यादव के सांड वाले ट्वीट पर करारा जवाब दिया. उन्होंने एक रैली में कहा, जब मैं कन्नौज से लौट रहा था, वहां कुछ लोग मिले. उन लोगों ने बताया कि गठबंधन की रैली में एक सांड घुस गया था. सीएम ने आगे कहा कि, नंदी महाराज नाराज हैं. 'नंदी बाबा' अवैध बुचड़खाने का संचालन करने वालों को ढूंढकर सबक सिखाने के लिए गठबंधन की रैली में घुस गया था. पता लगा तो हमने नंदी बाबा से प्रार्थना की कि ये काम आपका काम नहीं है आप अपना समय बाद में देना. जनता को अपना काम करने दीजिए, तब जाकर नंदी वापस वापस चले गए.

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वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती (Mayawati) भी सांड का जिक्र अपने भाषणों में कर रही हैं. उरई में शुक्रवार को उन्होंने योगी सरकार पर सांड के सहारे उनकी रैलियों को रोकने का आरोप लगाया था. जालौन में भी मायावती ने कहा कि बीजेपी हमें प्रचार से रोकने में लगी है. कन्नौज में हेलीपैड पर सांड को छोड़ा गया और हरदोई में भी ऐसा ही किया गया. एक सांड बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हेलीपैड पर भी घुस आया था. इससे सबक लेकर शनिवार को यूपी में हुईं पीएम नरेंद्र मोदी की तीन रैलियों से पहले रातभर इलाके में आवारा पशुओं की धरपकड़ की गई. सांड और छुट्टा गायों को पकड़कर गोशालाओं या दूसरी जगहों पर रखा गया.

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उप्र पशुपालन विभाग का दावा है कि राज्य में 11 लाख आवारा गोवंश हैं. आखिरी पशुगणना 2012 में हुई थी. वहीं, गांव वालों का मानना है कि हर ग्राम पंचायत में करीब 100 आवारा जानवर होंगे. राज्य में 59 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतें हैं. गोवंश कल्याण के लिए योगी सरकार ने 2019-20 के बजट में 612.6 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था.