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Election 2019: बैन हटते ही मायावती ने सीएम योगी पर हमला बोला, चुनाव आयोग पर भी उठाए सवाल

मायावती ने ट्वीट कर कहा कि पाबंदी के बावजूद योगी आदित्यनाथ मंदिरों, शहरों जाकर चुनावी लाभ लेने का गलत प्रयास लगातार कर रहे हैं, लेकिन आयोग उनके प्रति मेहरबान है क्यों ?

Updated on: 18 Apr 2019, 11:09 AM

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग का प्रतिबंध खत्म होने के साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमले शुरू कर दिए हैं. गुरुवार को दूसरे चरण के लिए जारी मतदान के बीच मायावती ने चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए हैं. मायावती ने ट्वीट कर कहा कि पाबंदी के बावजूद योगी आदित्यनाथ मंदिरों, शहरों जाकर चुनावी लाभ लेने का गलत प्रयास लगातार कर रहे हैं, लेकिन आयोग उनके प्रति मेहरबान है क्यों ?

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मायावती ने अपने ट्वीट में लिखा, 'चुनाव आयोग की पाबंदी का खुला उल्लंघन करके यूपी के सीएम योगी शहर-शहर व मन्दिरों में जाकर एवं दलित के घर बाहर का खाना खाने आदि का ड्रामा करके तथा उसको मीडिया में प्रचारित/प्रसारित करवाके चुनावी लाभ लेने का गलत प्रयास लगातार कर रहे हैं, किन्तु आयोग उनके प्रति मेहरबान है, क्यों ?'

बसपा सुप्रीमो ने एक और ट्वीट कर कहा, 'अगर ऐसा ही भेदभाव व बीजेपी नेताओं के प्रति चुनाव आयोग की अनदेखी व गलत मेहरबानी जारी रहेगी तो फिर इस चुनाव का स्वतंत्र व निष्पक्ष होना असंभव है. इन मामलों मे जनता की बेचैनी का समाधान कैसे होगा ? बीजेपी नेतृत्व आज भी वैसी ही मनमानी करने पर तुला है जैसा वह अबतक करता आया है, क्यों ?'

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दूसरे चरण के लिए जारी मतदान को लेकर मायावती में अपने ट्वीट में लिखा, 'आज दूसरे चरण का मतदान है. बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी उसी प्रकार से नरवस व घबराए लगते हैं, जैसे पिछले लोकसभा चुनाव में हार के डर से कांग्रेस व्यथित व व्याकुल थी. इसकी असली वजह सर्वसमाज के गरीबों, मजदूरों, किसानों के साथ-साथ इनकी दलित, पिछड़ा व मुस्लिम विरोधी संकीर्ण सोच व कर्म है.'

बता दें कि चुनाव आयोग ने बसपा सुप्रीमो मायावती और सीएम योगी आदित्यनाथ पर आचार संहिता का उल्लंघन करने पर प्रतिबंध लगाया था. चुनाव आयोग ने योगी आदित्यनाथ के प्रचार पर 72 घंटे और मायावती के प्रचार पर 48 घंटे का बैन लगाया था. हालांकि इसके बावजूद सीएम योगी आदित्यनाथ ने हनुमान चालीसा का पाठ किया और मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना की. जिसे चुनाव आयोग के बैन की काट माना जा रहा है. लेकिन विपक्ष इसको लेकर चुनाव आयोग पर लगातार सवाल उठा रहा है.