पहला चरणः सियासत के इन दिग्गजों की किस्मत का वोटरों ने कर दिया फैसला
पहले चरण की 91 सीटों पर कुल 1279 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. आज EVM में कैद हुईं जिन बड़े चेहरों की बात करें तो...
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2019) के पहले चरण में गुरुवार को देश के 91 सीटों पर वोट डाले गए. पहले चरण में जिन 20 राज्यों में वोटिंग हुई, उनमें दो केंद्र शासित प्रदेश भी शामिल हैं. पहले चरण की 91 सीटों पर कुल 1279 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे. आज EVM में कैद हुईं जिन बड़े चेहरों की बात करें तो उनमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari, नागपुर), बीजेपी के जनरल वीके सिंह (VK Singh, गाजियाबाद), लोजपा से चिराग पासवान (Chirag Paswan, जमुई), कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी (Nasimuddin Siddiki, बिजनौर), हम से जीतन राम मांझी (Jitan Ram, गया), हरिद्वार से रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल से कांग्रेस के हरीश रावत, पौड़ी से मनीष खंडूरी का नाम प्रमुख है. नतीजे 23 मई को आएंगे. आइए जानें इनका किससे है मुकाबला..
नितिन गडकरी बनाम नाना पटोले
RSS के गढ़ नागपुर में सिर्फ दो बार ही कमल खिला है. 1996 में और दूसरी बार 2014 में. मौजूदा सांसद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एक भार फिर चुनाव (Lok Sabha Election 2019) मैदान में थे और उनके मुकाबले कांग्रेस उम्मीदवार नाना पटोले थे.
यह वही नाना पटोले हैं, जिन्होंने 2014 में बीजेपी के टिकट पर प्रफुल्ल पटेल जैसे दिग्गज को हराकर चर्चा बटोरी थी. हालांकि बीजेपी से रिश्ते खराब होने पर वह अब कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोक रहे हैं.
संजीव बालयान vs अजित सिंह
सांप्रदायिक लिहाज से संवेदनशील मानी जाने वाली उत्तर प्रदेश की मुजफ्फरनगर सीट से बीजेपी सांसद संजीव बालयान मैदान (Lok Sabha Election 2019) में थे. उनके मुकाबले राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया चौधरी अजित सिंह मैदान में थे.
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के संजीव बालयान ने बसपा के कादिर राणा को चार लाख वोटों से हराया था. यहां करीब साढ़े 5 लाख मुस्लिम, ढाई लाख दलित, और सवा दो लाख के करीब जाट मतदाता हैं. इसके अलावा सैनी और कश्यप वोट भी करीब दो लाख के करीब हैं. यह सीट चौधरी परिवार की राजनीति का भविष्य तय करेगी.
सत्यपाल सिंह vs जयंत चौधरी
जाटलैंड में बीजेपी से केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह के कंधों पर कमल खिलाने की जिम्मेदारी है. रिटायर्ड आईपीएस अफसर सत्यपाल सिंह के सामने बागपत लोकसभा सीट से रालोद मुखिया अजित सिंह के बेटे जयंत सिंह थे.
बागपत लोकसभा सीट चौधरी परिवार का गढ़ मानी जाती रही है. मगर 2014 के लोकसभा चुनाव में सत्यपाल सिंह यहां से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. आरएलडी की इस परंपरागत सीट से चौधरी चरण सिंह 1977, 1980 और 1984 में लगातार चुनाव जीते हैं. जयंत के पिता और आरएलडी अध्यक्ष अजित सिंह 6 बार सांसद रहे. कांग्रेस ने यहा कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था.
चिराग पासवान vs भूदेव चौधरी
बिहार के जमुई सीट से लोजपा नेता चिराग पासवान चुनाव मैदान में थे.यहां उनका मुकाबलपा रालोसपा नेता भूदेव चौधरी से है. 2008 में परसीमत के बाद अस्तित्व में आई इस सीट से 2009 के लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करन के बाद भूदेव चौधरी यहां के पहले सांसद बने. 2014 के लोकसभा चुनाव में चिराग जीत दर्ज करने में सफल रहे.
मुकुल संगमा vs अगाथा संगमा
पूर्व मुख्यमत्री और कांग्रेस नेता मुकुल संगमा मेघालय की तुरा लोकसभा सीट से किस्मत आजमा रहे थे. . यहां उनका मुकाबला एनपीपी उम्मीदवार अगाथा के संगमा और भाजपा कंडीडेट रिकमान जी. मोमिन थे.
गाजियाबाद
पूर्व सेना प्रमुख और विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह लगातार दूसरी बार गाजियाबाद से चुनाव मैदान में थे. उनके मुकाबले कांग्रेस से डॉली शर्मा और सपा-बसपा गठबंधन से सुरेश बंसल ताल ठोक रहे थे. रालोद और आम आदमी पार्टी ने भी गठबंधन उम्मीदवार को समर्थन दिया है.
पिछले लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह ने कांग्रेस के राजबब्बर को करीब पांच लाख मतों से मात देकर सांसद बने थे.जातीय समीकरण के लिहाज से बीजेपी और सपा दोनों के लिए ये सीट काफी चुनौती भरी है.
गौतम बुद्ध नगर
उत्तर प्रदेश की गौतम बुद्ध नगर सीट से एक बार फिर से केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा चुनाव मैदान में थे. उनके खिलाफ सपा-बसपा गठबंधन ने सतवीर नागर थे. जबकि कांग्रेस ने अरविंद सिंह को यहां से चुनाव मैदान में उतारा था.
हंसराज अहीर vs नारायण धनोरकर
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर महाराष्ट्र के चंदरपुर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस से सुरेश नारायण धनोरकर मैदान में हैं. धनोरकर ने पिछले साल शिवसेना छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था.
अशोक गणपति vs चंद्र शेखर
टीडीपी नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक गणपति राजू विजयनगर सीट से चुनाव मैदान में थे. उनके खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस से चंद्र शेखर मैदान में हैं.2009 में गठित इस लोकसभा सीट से 2014 में अशोक गणपति राजू चुने गए थे.
किरण रिजिजू vs तुकी
पूर्वोत्तर की बात करें तो केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू अरुणाचल पश्चिम सीट से मैदान में हैं. उनके मुकाबले कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी थे. 2014 में इस सीट पर रिजिजू 41,738 मतों से जीते थे.
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