आईआईटी धनबाद में गौतम अदाणी ने छात्रों को दिया आत्मनिर्भरता का मंत्र : डिप्टी डायरेक्टर प्रो.धीरज कुमार

आईआईटी धनबाद में गौतम अदाणी ने छात्रों को दिया आत्मनिर्भरता का मंत्र : डिप्टी डायरेक्टर प्रो.धीरज कुमार

आईआईटी धनबाद में गौतम अदाणी ने छात्रों को दिया आत्मनिर्भरता का मंत्र : डिप्टी डायरेक्टर प्रो.धीरज कुमार

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IANS
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Dhanbad: Gautam Adani Attends IIT(ISM) Centenary Foundation Day

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

धनबाद, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। आईआईटी (आईएसएम) के डिप्टी डायरेक्टर प्रोफेसर धीरज कुमार ने मंगलवार को अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी का संस्थान के शताब्दी समारोह में शामिल होने और छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद किया।

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समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि कार्यक्रम में गौतम अदाणी ने अपने संबोधन साहसपूर्वक सपने देखें, निरंतर प्रयास करें, इनोवेशन को अपनाएं और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें के जरिए छात्रों को प्रोत्साहित किया।

उन्होंने आगे कहा कि कार्यक्रम में अदाणी समूह के चेयरमैन ने तीसरे वर्ष के छात्रों के लिए 50 वार्षिक सशुल्क इंटर्नशिप और संस्थान में अदाणी 3एस माइनिंग एक्सीलेंस सेंटर की स्थापना की घोषणा की है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स), धनबाद में शताब्दी समारोह में बोलते हुए, अदाणी समूह के अध्यक्ष ने कहा कि 21वीं सदी में संप्रभुता किसी राष्ट्र की अपने प्राकृतिक संसाधनों और ऊर्जा प्रणालियों पर नियंत्रण पर निर्भर करेगी।

गौतम अदाणी ने कहा, हमें उन संसाधनों और उस ईंधन पर नियंत्रण रखना चाहिए, जो हमारी ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं। साथ ही, उन्होंने इसे भारत की आर्थिक स्वतंत्रता की दोहरी नींव बताया।

गौतम अदाणी ने बाहरी दबावों का विरोध करने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि केवल वही करना चाहिए जो भारत के लिए सर्वोत्तम हो।

वैश्विक आंकड़ों का हवाला देते हुए, गौतम अदाणी ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे कम प्रति व्यक्ति उत्सर्जक देशों में से एक बना हुआ है, जबकि देश ने निर्धारित समय से पहले ही 50 प्रतिशत से अधिक गैर-जीवाश्म स्थापित क्षमता हासिल कर ली है।

उद्योगपति ने कहा कि प्रति व्यक्ति मीट्रिक या ऐतिहासिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखे बिना भारत के स्थिरता प्रदर्शन को कम आंकने के प्रयास वैश्विक ईएसजी ढांचों में निहित पूर्वाग्रहों को दर्शाते हैं।

गौतम अदाणी ने कहा कि आईआईटी धनबाद का जन्म राष्ट्रीय दूरदर्शिता के कारण हुआ था। ब्रिटिश शासन के दौरान एक सदी से भी पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने खनन और भूविज्ञान में भारत की महत्वपूर्ण क्षमताओं के निर्माण हेतु एक संस्थान की स्थापना की सिफारिश की थी।

--आईएएनएस

एबीएस/

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