गंगा को दूषित करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई: सीआर पाटिल

गंगा को दूषित करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई: सीआर पाटिल

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IANS
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गंगा को दूषित करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई: सीआर पाटिल

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बुलंदशहर, 5 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि गंगा को दूषित करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल बुलंदशहर में विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आज गंगा बेसिन के हर कोने में गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए एसटीपी लगाए गए हैं, जिससे गंगा में सीधे प्रदूषण का प्रवाह रोका गया है।

गंगा प्रहरियों से मिलने के अनुभव को साझा करते हुए पाटिल ने कहा कि ये प्रहरी न सिर्फ स्वयं गंगा की सफाई करते हैं, बल्कि दूसरों को प्रदूषण फैलाने से रोकते हैं। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि गंगा में गंदा पानी न पहुंचे और जो भी गंगा को प्रदूषित करे, उस पर कड़ी कार्रवाई हो। जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि हमारी संस्कृति में हर नदी को ‘मां’ कहा गया है। ऐसे में उनका संरक्षण सिर्फ एक दायित्व नहीं, बल्कि एक श्रद्धा है।

उन्होंने कहा कि नदियों में फैल रहे प्लास्टिक प्रदूषण को समय की सबसे बड़ी चुनौती करार दिया। मंत्री ने कहा कि हमें प्रदूषण के स्रोत पर ही रोक लगानी होगी। प्लास्टिक के उपयोग को खत्म करना होगा और जन जागरूकता फैलानी होगी। जब तक हम यह नहीं समझेंगे कि गंगा सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि जीवनदायिनी शक्ति है, तब तक संरक्षण अधूरा रहेगा।

पाटिल ने नरौरा में गंगा एक्वा लाइफ रेस्क्यू और पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया। यह केंद्र गांगेय डॉल्फिन, ताजे पानी के कछुओं और अन्य जलीय प्रजातियों के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहा है। मंत्री ने केंद्र में आयोजित एक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया, जिसे भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा संचालित किया गया था। इस दौरान उन्होंने शोधकर्ताओं के साथ संवाद करते हुए, नदी पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए वैज्ञानिक ज्ञान और स्थानीय सहभागिता की महत्ता पर बल दिया।

उन्होंने बताया कि गंगा दशहरा के दिन विशेष रूप से गंगा के तटों पर स्नान करने और पूजा अर्चना का महत्व है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक सकारात्मक संदेश देता है। पाटिल ने नरवर घाट पर मछली के अंगुलिकाओं को गंगा नदी में छोड़ने की पहल की। यह कदम जलीय खाद्य श्रृंखला के पुनर्स्थापन में महत्वपूर्ण साबित होगा। इसके बाद घाट पर गंगा प्रहरी, स्वयंसेवक और निगम कर्मचारियों ने मिलकर एक स्वच्छता अभियान चलाया।

इसके साथ ही, नदी प्रदूषण, व्यक्तिगत जिम्मेदारी और गंगा के आध्यात्मिक व पारिस्थितिक महत्व पर आधारित एक नाटक का मंचन भी किया गया। नरवर घाट पर आयोजित प्राकृतिक खेती कार्यशाला का उद्घाटन जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल द्वारा किया गया। इस कार्यशाला में देश भर से किसान, कृषि विशेषज्ञ और छात्र एकत्रित हुए।

कार्यशाला में रासायनिक खादों से मुक्त खेती, मिट्टी की सेहत में सुधार और जलवायु परिवर्तन से निपटने के उपायों पर विशेषज्ञों ने विचार किए। इस दौरान किसानों ने अपनी चुनौतियों को साझा किया। जल शक्ति मंत्री ने 200 से अधिक गंगा प्रहरी, स्कूल छात्र और एमएससी छात्राओं के साथ संवाद किया। इन युवाओं ने पर्यावरणीय अनुकूल प्रथाओं को प्रोत्साहित करने के प्रयासों को साझा किया।

--आईएएनएस

विकेटी/डीएससी

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