नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। कीझाड़ी उत्खनन विवाद पर केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच तनातनी जारी है। बुधवार को केंद्रीय संस्कृति एवं राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने तमिलनाडु सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन, हम कोई भी बयान जारी करने में संकोच नहीं करते। वास्तव में, यदि ऐसा शोध वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होता है, तो हमें भी आपके साथ इस पर गर्व होगा। लेकिन, आज की वैज्ञानिक दुनिया की स्वीकृति के लिए हमें और अधिक वैज्ञानिक और मजबूत सबूतों की आवश्यकता है। इसीलिए, उत्खनन के आंकड़ों का राजनीतिकरण करने की जल्दबाजी करने के बजाय, हमने तमिलनाडु सरकार से अनुरोध किया है कि जब तक अधिक वैज्ञानिक डेटा उपलब्ध न हो जाए, तब तक वह शोध जारी रखने में केंद्र सरकार का समर्थन करे।
उन्होंने लिखा, मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि तमिलनाडु सरकार सहयोग करने में अनिच्छुक क्यों है। तमिलनाडु भारत का एक अभिन्न अंग है - इसकी विरासत का जश्न ईमानदार ज्ञान के माध्यम से मनाया जाना चाहिए, न कि विभाजनकारी भावनाओं के माध्यम से।
इससे पहले तमिलनाडु के वित्त और पुरातत्व मंत्री थंगम थेन्नारसु ने मंगलवार को तीखा हमला करते हुए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जानबूझकर तमिल विरासत की मान्यता में बाधा डालने का आरोप लगाया था।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था, पहले, उन्होंने कहा कि कीझाड़ी में कुछ भी नहीं है। फिर उन्होंने अनुसंधान अधिकारी का तबादला कर दिया। उसके बाद, उन्होंने कोई भी फंड आवंटित करने से इनकार कर दिया। अंत में, उन्होंने प्रस्तुत रिपोर्ट को दो साल के लिए रोक दिया। अब वे आए और कहा कि सबूत अपर्याप्त हैं। उनके लिए हर बार तमिलों के इतिहास को खारिज करना आम बात है। केवल वे जो कारण बताते हैं वे अलग हैं। इतिहास और उसमें बताई गई सच्चाई आपकी सस्ती राजनीति का इंतजार नहीं करेगी। वे लोगों के लिए हैं। वे लोगों के पास जाएंगे!
--आईएएनएस
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