6 पैसे प्रति मिनट वसूलने के जियो के कदम का ग्राहकों और कंपनियों पर पड़ेगा ये असर
जैसा कि रिलायंस जियो ने हाल ही में दूसरी कंपनी के कॉल के लिए मुफ्त वॉयस फैसिलिटी बंद करने की घोषणा की है तो विश्लेषक और ग्राहक, दोनों इस बदलाव का गवाह बनने के लिए उत्सुक हैं, जिससे टेलीकॉम टैरिफ में वृद्धि होगी.
नई दिल्ली:
जैसा कि रिलायंस जियो ने हाल ही में दूसरी कंपनी के कॉल के लिए मुफ्त वॉयस फैसिलिटी बंद करने की घोषणा की है तो विश्लेषक और ग्राहक, दोनों इस बदलाव का गवाह बनने के लिए उत्सुक हैं, जिससे टेलीकॉम टैरिफ में वृद्धि होगी. विश्लेषकों का कहना है कि ऑपरेटरों और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) दोनों के फैसलों के आधार पर टैरिफ को किसी भी दिशा में बढ़ाया जा सकता है.
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यूबीएस की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "यह देखा जाना बाकी है कि क्या भारती और वीआईएल (वोडाफोन आइडिया) नेट कॉल के लिए समान शुल्क पेश करने में जियो की राह चलते हैं. हालांकि, हम उनके ऐसा करने की संभावना ज्यादा देखते हैं. एक संभावना यह भी है कि नियामक जीरो आईयूसी (इंटरकनेक्ट यूसेज चार्जेस) को स्थगित करने का निर्णय रद्द कर दे और मूल योजना को लागू करे."
पिछले महीने मंगवाए गए एक परामर्श पत्र में ट्राई ने आईयूसी को समाप्त करने की तारीख को टाल दिया. रिलायंस जियो ने नियामक से इंटरकनेक्ट यूसेज चार्जेस (आईयूसी) को हटाने और 1 जनवरी, 2020 से आईयूसी नियमों के तहत 'बिल एंड कीप' नियम को लागू करने के लिए नई समय-सीमा पर परामर्श प्रक्रिया को रोकने के लिए कहा है.
इसने ट्राई के सचिव को लिखे पत्र में कहा कि आरजेआईएल आपसे वर्तमान परामर्श पत्र के संबंध में आरजेआईएल की आपत्तियों पर ध्यान देने का अनुरोध करता है और आशा करता है कि आप वर्तमान क्रियान्वयन को समाप्त कर देंगे, जो न केवल उद्योग के हित के खिलाफ है, बल्कि ग्राहकों और जनता के भी खिलाफ है." कोटक इंटेस्टीट्यूशनल इक्विटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारती और वोडाफोन आइडिया पर फैसले के असर का अनुमान लगाना आसान नहीं है.
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इसमें कहा गया है कि भारती और वीआईएल पर प्रभाव का अंदाजा लगाना दो कारणों से आसान नहीं है. पहला यह कि ये दोनों कंपनियां या तो पूरी तरह से जियो के नक्शे कदम पर चल सकती हैं या नहीं चल सकतीं. भारती और वीआईएल के पास चुनिंदा या सभी ग्राहकों में अधिक प्रतिस्पर्धी बनने का अवसर है, अगर वे जियो के कदम का केवल आंशिक रूप से अनुसरण करते हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारा मानना है कि दोनों कंपनियों को इस पर ध्यान से विचार करना चाहिए और इस पर जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. दूसरा कारण है कि भारती और वीआईएल के सभी ग्राहक असीमित वॉइस कॉल स्कीम से नहीं जुड़े हैं. पोस्टपेड सेगमेंट में मूल्य वृद्धि में गतिशीलता है जो वैसे भी आईयूसी से परे जाती है. कोटक की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया दोनों के लिए एआरपीयू (प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व) में 'सार्थक' वृद्धि की संभावना है. अगर जियो का एआरपीयू बढ़ता है, तो अन्य दो कंपनियां भी वृद्धि करेंगी.
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पिछले हफ्ते रिलायंस जियो ने प्रतिद्वंद्वी नेटवर्क पर को वॉयस कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट शुल्क लगाने की घोषणा की, इस कदम की अन्य निजी कंपनियों ने आलोचना की. वोडाफोन आइडिया ने घोषणा को जल्दबाजी में उठाया अनुचित कदम करार दिया और एयरटेल ने मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी के इस कदम को इंटरकनेक्शन चार्ज को कम करने के लिए चली गई चाल बताया.
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