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नए साल से यूजर अकाउंट का वेरिफिकेशन की प्रक्रिया फिर शुरू करेगी टि्वटर

Retweet फीचर को रिस्‍टोर करने के बाद अब ट्विटर ने 20 जनवरी से यूजर अकाउंट के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया फिर शुरू करने की घोषणा की है. इससे एक्‍टिव और सही यूजर अकाउंट में ‘नीले रंग का सत्यापित बैज (Blue Tick)’ लगाया जाएगा.

Updated on: 18 Dec 2020, 07:54 PM

नई दिल्ली:

Retweet फीचर को रिस्‍टोर करने के बाद अब ट्विटर ने 20 जनवरी से यूजर अकाउंट के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया फिर शुरू करने की घोषणा की है. इससे एक्‍टिव और सही यूजर अकाउंट में ‘नीले रंग का सत्यापित बैज (Blue Tick)’ लगाया जाएगा. नई प्रक्रिया के तहत माइक्रोब्लॉगिंग मंच निष्क्रिय और अधूरे खातों से वेरिफायड बैज या चिह्न हटाने की कार्रवाई भी करेगा. ट्विटर ने नवंबर में घोषणा की थी कि वह 2021 की शुरुआत में अकाउंट के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया नए सिरे से शुरू करेगी. 

अपनी वेरिफिकेशन पॉलिसी के मसौदे पर ट्विटर ने आम लोगों से 24 नवंबर से आठ दिसंबर के दौरान प्रतिक्रियाएं मांगी थीं. कंपनी ने करीब तीन साल पहले अपने सार्वजनिक सत्यापन कार्यक्रम को रोक दिया था. कंपनी का कहना था कि लोगों को लगता है कि यह प्रक्रिया मनमानी है और इससे काफी असमंजस होता है. 

ट्विटर ने ब्लॉगपोस्ट में कहा, सार्वजनिक प्रतिक्रिया के दो सप्ताह के दौरान हमें 22,000 से अधिक सर्वे प्रतिक्रियाएं मिलीं. इससे हमने यह सीखा है कि हम अपनी नीति में कैसे सुधार कर सकते हैं. हम इस नीति का प्रवर्तन 20 जनवरी, 2021 से शुरू करेंगे. उसी दिन से हम स्वत: तरीके से निष्क्रिय और अधूरे खातों से सत्यापित बैज को हटाना भी शुरू करेंगे. 

ट्विटर ने कहा कि नई नीति से भविष्य में सुधार की बुनियाद तैयार होगी. यह सत्यपान को परिभाषित करेगी. इससे पता चलेगा कि कौन सत्यापन के पात्र है. इस कार्यक्रम को अधिक समानता वाला बनाने के लिए कुछ खातों का सत्यापन समाप्त होगा.

इससे पहले टि्वटर ने Retweet फीचर को रिस्‍टोर करने की घोषणा की थी. अमेरिकन प्रेसिडेंशियल इलेक्शन के दौरान Twitter ने Retweet फीचर को थोड़ा मुश्किल कर दिया था. Twitter का कहना था कि इससे अमेरिकी इलेक्शन के दौरान ग़लत जानकारियों का प्रसार रोका जा सकेगा. Retweet फ़ीचर के इस्‍तेमाल से किसी का भी ट्वीट डायरेक्‍ट आपके वॉल पर आ जाता है. 

इस फीचर को डिसेबल किए जाने के बाद पिछले कुछ समय से Retweet को कोट ट्वीट की तरह यूज किया जा रहा था. जैसे ही कोई यूज़र किसी ट्वीट को रीट्वीट करने की कोशिश करता था, उससे कुछ लिखने को कहा जाता था. लिखने के बाद ही रिट्वीट किया जा सकता था.