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अचानक हॉट ऐप बने Signal पर इन आसान उपायों से Whatsapp ग्रुप को करें ट्रांसफर

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी Signal App के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है. WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी से नाखुश लोग अब दूसरे ऐप की ओर रुख कर रहे हैं. इनमें Signal नाम का ऐप सबसे पसंदीदा बना हुआ है.

Updated on: 13 Jan 2021, 04:09 PM

नई दिल्ली:

WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी Signal App के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है. WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी से नाखुश लोग अब दूसरे ऐप की ओर रुख कर रहे हैं. इनमें Signal नाम का ऐप सबसे पसंदीदा बना हुआ है. भारत में भी आजकल Signal ऐप हॉट फेवरिट बना हुआ है लेकिन अधिकांश यूजर के सामने ये दिक्‍कत आ रही है कि आखिर वो अपने पुराने वॉट्सऐप ग्रुप्स को सिग्नल ऐप पर कैसे शिफ्ट करें. हालांकि ऐसे यूजर्स की समस्‍या को सॉल्‍व करने के लिए सिग्नल ने एक ट्वीट कर जवाब दिया है. Signal ने इसके लिए एक लिंक भी शेयर किया है. 

किसी Whatsapp ग्रुप को Signal पर शेयर करने के लिए चार आसान स्टेप बताए गए हैं. सबसे पहले यूज़र को Signal पर ग्रुप बनाना होगा और फिर ग्रुप सेटिंग्स पर जाकर वहां से ग्रुप लिंक्स पर क्लिक करें उसे ऑन करना होगा और फिर उसे अपने पुराने मैसेंजर ऐप के ग्रुप्‍स में शेयर करना होगा. 

इसके बाद मैसेंजर ग्रुप में जितने भी यूजर होंगे, वे Signal ग्रुप का इनवाइट लिंक मिलने के बाद उससे जुड़ सकते हैं. Signal की ओर से यह भी कहा गया है कि उनका प्लेटफॉर्म जल्द ही भारत में नए फीचर शुरू करने वाला है. नए फीचर में Chat Wallpaper, Animated Sticker, iOS के लिए Media Auto Download Setting और Full Screen Profile Photo जैसी सुविधाएं होंगी. 

क्‍या है Whatsapp की नई पॉलिसी : अगले महीने 8 फरवरी से Whatsapp की नई प्राइवेसी पॉलिसी लागू होने जा रही है. इस बीच पिछले बुधवार को Whatsapp की ओर से एक नोटिफिकेशन भेजकर नई पॉलिसी को एक्‍सेप्‍ट करने या फिर न करने का ऑप्‍शन दिया गया. उसमें कहा गया था कि जो यूजर नई पॉलिसी को स्वीकार नहीं करता है तो उसका अकाउंट बंद हो जाएगा. नई पॉलिसी में यह कहा गया है कि Whatsapp अपने यूजर्स का इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस (IP Address) फेसबुक, इंस्टाग्राम या किसी दूसरी थर्ड पार्टी को प्रोवाइड करा सकता है. साथ ही Whatsapp अब आपकी डिवाइस से सिग्नल स्ट्रेंथ, बैटरी लेवल, ब्राउजर से जुड़ी जानकारियां, भाषा, ऐप वर्जन, मोबाइल, टाइम जोन फोन नंबर और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी जैसी जानकारी भी इकट्ठा कर सकता है. जबकि पहले ऐसा नहीं था.