स्मार्टफोन से जुड़ी ये बातें चौंका देंगी आपको! कहीं आप तो नहीं भ्रम में?
Smartphone myths: बहुत से लोग स्मार्टफोन से जुड़ी कुछ बेसिक बातों को नहीं जानते यही नहीं स्मार्टफोन से जुड़े मिथ्स को फॉलो करते हैं. कहीं आप भी तो उनमें से नहीं? यहां कुछ ऐसी बातों को बताने जा रहे हैं जिन्हें पढ़कर आप खुद हैरान रह जाएंगे.
highlights
- चार्जिंग के समय स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना नहीं होता गलत
- स्मार्टफोन की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिशन की फ्रिक्वेंसी सुरक्षित होती है
नई दिल्ली:
Smartphone myths: आज हर दूसरा व्यक्ति स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहा है. ऐसे में हर कोई चाहता है कि वह स्मार्टफोन का इस्तेमाल बखूबी कर सके. स्मार्टफोन की बैटरी जल्दी डेड होना हर किसी को परेशान करता है. वहीं बैटरी लाइफ एक्सटेंड करने के लिए गूगल सर्च पर आपको एक से बढ़कर एक उपाय (smartphone tips and tricks) मिल जाते हैं. पर क्या आप जानते हैं बहुत से लोग स्मार्टफोन से जुड़ी कुछ बेसिक बातों को नहीं जानते यही नहीं स्मार्टफोन से जुड़े मिथ्स को फॉलो करते हैं. कहीं आप भी तो उनमें से नहीं? आइए फटाफट जान लेते हैं कैसे आप अपने स्मार्टफोन के स्मार्टयूजर बन सकते हैं. यहां कुछ ऐसी बातों को बताने जा रहे हैं जिन्हें पढ़कर आप खुद हैरान रह जाएंगे.
स्मार्टफोन की बैटरी रात भर चार्ज करने से फटने का डर (smartphone battery myths)
बहुत से यूजर का मानना होता है कि अगर स्मार्टफोन को रात भर चार्ज किया जाए तो फोन की बैटरी पर इसका असर पड़ता है, वहीं ऐसा करने से फोन की बैटरी फटने का डर भी लोगों में होता है. आप को बता दें यह सिर्फ एक मिथ है. फोन की बैटरी फुल चार्ज होने के बाद चार्जर कुछ ऑटो ऑफ हो जाता है, यानि चिंता करने की जरूरत नहीं है.
ऑटो ब्राइनेस रखने से बैटरी होगी खर्च कम (smartphone battery myths)
बहुत से यूजर स्मार्टफोन में ऑटो ब्राइटनेस को ऑन ऱख बैटरी बचाने की कोशिशें करते हैं. अगर आप भी ऐसा करते हैं तो मत कीजिए क्योंकि ऐसा करने से स्मार्टफोन की बैटरी लंबी नहीं चलती. ऑटो ब्राइटनेस कई बार धूप में फुल ब्राइनेस ऑन कर देती है, जिससे बैटरी ज्यादा ही कंज्यूम होती है.
यह भी पढ़ेंः भारत में भी आइफोन 13 का प्रोडक्शन करेगा एप्पल, जल्द होगी शुरुआत
बैकग्रांउड ऐप्स का बैटरी पर असर (smartphone battery myths)
क्या आप जानते हैं एप्पल और गूगल एल्गोरिदम पर काम करते हैं. यानि ऐप रिफ्रेश ना होने ऑटोमेटिक बंद हो जाएगा. ऐसे में बैकग्रांउड में रनिंग ऐप्स का बैटरी का कोई असर नहीं होता
चार्जिंग के समय फोन का इस्तेमाल (smartphone battery myths)
अगर आप भी चार्जिंग के समय स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं तो परेशान नहीं होना होगा. इससे बैटरी और आपकी हेल्थ पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता यह सिर्फ एक मिथ है.
स्मार्टफोन के रेडिएशन से कैंसर
बहुत से लोगों का मानना होता है कि स्मार्टफोन से निकलने वाले रेडिएशन से कैंसर होता है. लेकिन आपको बता दें यह सिर्फ एक मिथ है. स्मार्टफोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिशन की फ्रिक्वेंसी पूरी तरह से सुरक्षित होती.
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