/newsnation/media/post_attachments/images/2020/07/01/share-chat-20.jpg)
चीनी APP बैन होने से घरेलू ऐप तेजी से हो रहे हैं डाउलोड( Photo Credit : प्रतिकात्मक फोटो)
0
By clicking the button, I accept the Terms of Use of the service and its Privacy Policy, as well as consent to the processing of personal data.
Don’t have an account? Signup
शेयर चैट, रोपोसो और चिंगारी जैसी भारतीय एप के डाउनलोड 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद तेजी से बढ़े हैं. इन एप के सिर्फ डाउनलोड नहीं बढ़े हैं बल्कि उपयोक्ताओं के इन पर खाता बनाने में भी वृद्धि देखी गयी है.
चीनी APP बैन होने से घरेलू ऐप तेजी से हो रहे हैं डाउलोड( Photo Credit : प्रतिकात्मक फोटो)
शेयर चैट, रोपोसो और चिंगारी जैसी भारतीय एप के डाउनलोड 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद तेजी से बढ़े हैं. इन एप के सिर्फ डाउनलोड नहीं बढ़े हैं बल्कि उपयोक्ताओं के इन पर खाता बनाने में भी वृद्धि देखी गयी है. शेयर चैट स्थानीय भाषाओं में सेवा देने वाली देश की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी है. कंपनी ने बुधवार को कहा कि पिछले दो दिन में उसकी वृद्धि में अचानक से तेजी दर्ज की गयी है. कंपनी का दावा है कि उसकी एप के हर घंटे लगभग पांच लाख डाउनलोड हो रहे है.
सोमवार शाम को चीनी एप पर प्रतिबंध लगने के बाद उसकी एप के 1.5 करोड़ से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं. उल्लेखनीय है कि सरकार ने सोमवार शाम को राष्ट्रीय सुरक्षा, अखंडता और डेटा सुरक्षा का हवाला देते हुए टिकटॉक, वीचैट, कैमस्कैनर जैसरी 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगा दिया था.सरकार के इस फैसले को गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की घटना से जोड़कर देखा जा रहा है.
इसे भी पढ़ें:कोरोना संकट के बीच अगस्त के आखिरी सप्ताह में शुरू हो सकता है संसद का मानसून सत्र !
शेयरचैट के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी फरीद अहसान ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘जिस तरह से लोग अपार संभावनाओं के लिए शेयरचैट के बारे में पता कर रहे हैं, हम उससे काफी रोमांचित है. हमें भरोसा है कि यह शेयर चैट की सफलता की एक और आधारशिला रखेगा.’ कंपनी ने कहा कि चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का समर्थन करने वाली वह करीब एक लाख से अधिक पोस्ट देख चुकी है. शेयर चैट के देश में 15 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोक्ता हैं. इनमें मासिक तौर पर सक्रिय उपयोक्ताओं की संख्या करीब 6 करोड़ है. कंपनी 15 भारतीय भाषाओं में अपनी सेवांए देती है.
अन्य घरेलू एप रोपोसो का कहना है कि प्रतिबंध के बाद कई टिकटॉक उपयोक्ता उसके मंच पर आए हैं. इसमें कई टिकटॉक इंफ्लूएंसर (प्रभावशाली उपयोक्ता) भी शामिल हैं. इनमोबी समूह की यह एप 12 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध है. इस मंच पर वीडियो बनाने वाले करीब 1.4 करोड़ उपयोक्ता हैं, जबकि इस पर हर महीने लगभग आठ करोड़ वीडियो डाले जाते हैं. रोपोसो के सह-संस्थापक मयंक भानगड़िया ने कहा कि उनका मकसद भारतीयों के लिए सबसे बड़ा योग्यता प्रस्तुति मंच बनना है जो खुद भी भारतीय हो.
और पढ़ें: प्राइवेटाइजेशन की दिशा में रेलवे का बड़ा कदम, 109 जोड़ी प्राइवेट ट्रेन चलाने के लिए मांगा प्रपोजल
लॉकडाउन के दौरान पेश की गयी बॉक्सेंगेज डॉट कॉम के सक्रिय उपयोक्ताओं की संख्या में प्रतिबंध के बाद 24 घंटे में करीब 10 गुना वृद्धि दर्ज की गयी है. यह एक वीडियो शेयरिंग एप है. कंपनी अभी सिर्फ वेबसाइट चलाती है जल्द ही अपना मोबाइल एप भी पेश करने वाली है. टिकटॉक की भारतीय प्रतिद्वंदी चिंगारी एप का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में उसके डाउनलोड में अचानक से वृद्धि दर्ज की गयी है. इसके 25 लाख से अधिक डाउनलोड हो चुके हैं. कंपनी के सह-संस्थापक सुमित घोष ने सरकार के टिकटॉक पर प्रतिबंध का स्वागत किया. साथ ही टिकटॉक उपयोक्ताओं को उसके मंच पर आमंत्रित भी किया.
Source : Bhasha