logo-image

Alexa, Google Assistant की तरह चैटबॉट लाने की योजना पर काम कर रही मोदी सरकार, जानें क्‍या होंगे फायदे

गूगल असिस्‍टेंट या अलेक्‍सा की तरह सरकार वॉयस असिस्‍टेंस एप्‍लीकेशन विकसित करने की योजना पर काम कर रही है. इसका मकसद सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना है.

Updated on: 03 Jan 2021, 11:09 PM

नई दिल्ली:

गूगल असिस्‍टेंट या अलेक्‍सा की तरह सरकार वॉयस असिस्‍टेंस एप्‍लीकेशन विकसित करने की योजना पर काम कर रही है. इसका मकसद सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाना है. सरकार Amazon Alexa या Google Assistant की तर्ज पर चैट बॉट (Chat Bot) या वॉयस असिस्टेंस एप्लिकेशन (Voice Assistant App) शुरू करने पर विचार कर रही है. इसके लिए सरकार ने टेंडर भी आमंत्रित किए हैं. सरकार का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस मंच से कई भाषाओं में जनता संग बातचीत करने, उनके इरादों का विश्लेषण करने, यूजर्स को व्यक्तिगत अनुभव देने के लिए डेटा जमा करने का काम किया जा सकता है. 

सूचना और प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस खंड ने उमंग ऐप पर इस एप्‍लीकेशन के निर्माण के लिए प्रस्ताव मांगे हैं. आजकल उमंग मंच लोगों तक सरकारी सेवाएं पहुंचाने, सूचनाओं की डिलीवरी का प्रमुख माध्‍यम बना हुआ है. 

प्रस्‍तावित एप्‍लीकेशन को कई भाषाओं का सपोर्ट हासिल होगा, जिससे स्थानीय भाषाओं में यूजर्स इससे जुड़ पाएंगे. यूजर्स की बातों को समझने, सही जवाब देने और डेटा एनालिसिस के साथ इस नए प्‍लेटफार्म पर  पर्सनलाइज्ड एक्सपीरियंस देने की उम्मीद है. नए एप्‍लीकेशन में सरकार की ओर से लोगों को दी जाने वाली ढेरों सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी और इसे UMANG ऐप का हिस्सा बनाया जाएगा. सरकार चाहती है कि चैटबॉट स्पीच को टेक्स्ट और टेक्स्ट को स्पीच में बदलने (टेक्स्ट-टू-स्पीच) का काम भी नए एप्‍लीकेशन में होना चाहिए.