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मोबाइल इंडस्ट्री ने मोदी सरकार से की मोबाइल फोन पर आयात शुल्क घटाने की मांग

इंडिया सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसएिशन ने उन कंपनियों को निर्यात उत्पादों पर शुल्कों तथा करों में छूट (आरओडीटीईपी) का लाभ देने की मांग की है जिन्हें उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) के लिये चुना गया है.

Updated on: 31 Dec 2020, 09:10 AM

नई दिल्ली:

मोबाइल उद्योग संगठन इंडिया सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसएिशन (India Cellular & Electronics Association-ICEA) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार को मोबाइल फोन (Mobile Phones) पर आयात शुल्क (Import Duty) कम करने का सुझाव दिया है. संगठन का कहना है कि घरेलू मोबाइल विनिर्माता प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिये अब तैयार हैं. 

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संगठन ने उन कंपनियों को निर्यात उत्पादों पर शुल्कों तथा करों में छूट (आरओडीटीईपी) का लाभ देने की मांग की है जिन्हें उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) के लिये चुना गया है. आईसीईए के सदस्यों में एप्पल, फॉक्सकॉम, विस्ट्रोन, लावा समेत अन्य कंपनियां शामिल हैं. आगामी बजट के लिये राजस्व विभाग को सौंपे अपने अनुरोध पत्र में इंडिया सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज महेन्द्रू ने कहा कि आयात से अब घरेलू कंपनियों को कोई खतरा नहीं है और आयात में 20 प्रतिशत शुल्क को कम किया जा सकता है. क्योंकि देश में बड़े स्तर पर विनिर्माण जारी है और उद्योग प्रतिस्पर्धा का सामना करने में सक्षम है. 

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मोबाइल फोन पर जीएसटी दर को भी मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का सुझाव
दुनिया की प्रमुख मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों ने पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) के क्रियान्वयन के बाद भारत में उत्पादन का विस्तार किया है. महेन्द्रू ने मोबाइल फोन पर जीएसटी दर को भी मौजूदा 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का सुझाव दिया है ताकि इस क्षेत्र में तेज से बढ़ रही अवैध बाजार पर अंकुश लगाया जा सके और आम आदमी को मोबाइल फोन सुलभ हो सके.