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अगर आपके फोन में भी हैं यह 8 ऐप्स तो अभी करें डीलीट, नहीं तो पड़ेगा पछताना

बेल्जियन की पुलिस ने एंड्रॉयड ऐप्स यूजर्स को हाल में ‘जोकर’ वायरस की वापसी की चेतावनी दी है.

Updated on: 26 Aug 2021, 01:01 PM

highlights

  • बेल्जियन पुलिस ने दी चेतावनी
  • 'जोकर' वायरस की वापसी से पुलिस भी चिंतित
  • पेमेंट सर्विस को सब्सक्राइब करने में सक्षम

 

 

नई दिल्ली:

बेल्जियन की पुलिस ने एंड्रॉयड ऐप्स यूजर्स को हाल में ‘जोकर’ वायरस की वापसी की चेतावनी दी है. यह वायरस एंड्रॉयड डिवाइसेज पर हमला कर गूगल प्ले स्टोर के कई ऐप्स में खुद को छिपा लेता है. इस खतरनाक वायरस के बारे में कहा जाता है कि यह बिना ऑथराइजेशन के पेमेंट सर्विस को सब्सक्राइब करने में पूरी तरह सक्षम है. बेल्जियन की पुलिस का बयान उसकी वेबसाइट पर छपा है, जिसमें कहा गया है कि यह वायरस गूगल प्ले स्टोर के 8 एप्लिकेशंस में मिला है. संयोग से ये 8 ऐप्स वहीं हैं जिन्हें क्विक हिल सिक्योरिटी लैब्स के रिसर्चर्स ने इस साल जून में डिटेक्ट किए थे. गूगल को जब वायरस के बारे में बताया गया तो गूगल ने इन सभी आठ ऐप्स को प्ले स्टोर से हटा दिया है. हालांकि, एंड्रॉयड यूजर्स को अपने स्मार्टफोन से भी इन ऐप्स को हटाने की जरूरत है. बेल्जियाई अथॉरिटीज की तरफ से हाल में दी गई चेतावनी यह दिखाता है कि जिन डिवाइस में ये ऐप्स हैं, वे ‘जोकर’ वायरस के शिकार बन रहे हैं. बेल्जियन पुलिस ने साफ-साफ कहा है कि यदि आपके पास यह एप्स हैं, तो आप बड़ा जोखिम उठा रहे हैं. महीने के आखिर में आपका बैंक अकाउंट या फिर क्रेडिट कार्ड खाली हो सकता है.'

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जिन एंड्रॉयड एप्स को ‘जोकर’ वायरस ने अपना शिकार बनाया है, वो हैं- Auxiliary Message, Element Scanner, Fast Maic SMS, Free CamScanner, Go Messages, Super Message, Super SMS, Travel Wallpapers.

जोकर एक ऐसा वायरस है जो लगातार एंड्रॉयड डिवाइस को अपना टारगेट करता रहता है. यह सबसे पहले साल 2017 में डिटेक्ट किया गया था. क्विक हिल रिसर्चर्स के मुताबिक, जोकर वायरस डेटा, एसएमएस, कंटैक्ट लिस्ट, डिवाइस इनफॉर्मेशन, ओटीपी और अन्य चीजों को चुराता है. बेल्जियाई पुलिस के मुताबिक, इससे महीने के आखिर में आपका बड़ा सरप्राइज मिल सकता है और आपके बैंक एकाउंट या फिर क्रेडिट कार्ड से पैसा अपने आप निकल सकता है.

जोकर सबसे लगातार चलने वाले मैलवेयर में से एक है जो लगातार Android डिवाइस को टारगेट करता है. इसका पता सबसे पहले वर्ष 2017 में चला था. क्विक हील के शोधकर्ताओं के अनुसार इन एप्स के जरिए जोकर वायरस यूजर्स के डाटा को चुराता है.