logo-image

Google Play Store पर असली और नकली की ऐसे करें पहचान, डाटा रहेगा सेफ

यही कारण है कि मोबाइल के बिना आज के दौर में घर से बाहर निकलने में हमें असुरक्षित महसूस होता है.

Updated on: 25 Jun 2020, 09:17 AM

नई दिल्ली:

स्मार्टफोन आज हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बन गए है. जिसका मुख्य कारण मोबाइल में उपस्थित ऐप्स हैं जिन्होंने हमारे जीवन को सरल कर दिया है. यही कारण है कि मोबाइल के बिना आज के दौर में घर से बाहर निकलने में हमें असुरक्षित महसूस होता है. लेकिन आए दिन ऐसी खबरें सुनने को मिलती हैं जिनमें हैकर्स द्वारा यूजर्स के डेटा और बैंक अकाउंट से पैसों की चोरी की घटना का जिक्र होता है.

हैकर्स आमतौर पर स्मार्टफोन यूजर्स को फर्जी और वायरस वाले ऐप्स के द्वारा अपना शिकार बनाते हैं. इन ऐप्स में हैकर वायरस के साथ मलीशस कोड डालते हैं जिनसे उन्हें यूजर के स्मार्टफोन का पूरा ऐक्सेस मिल जाता है. हाल के दिनों में गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद खतरनाक ऐप्स के बारे में कई रिपोर्ट्स भी आई थीं जिनमें रिसर्चर्स ने इन ऐप्स को तुरंत अनइंस्टॉल करने की सलाह दी थी.

गूगल प्ले स्टोर की सिक्यॉरिटी पॉलिसी काफी कड़ी है, लेकिन कुछ ऐप डिवेलपर इसे आसानी से बाईपास कर अपने फर्जी ऐप्स को प्ले स्टोर तक पहुंचा देते हैं. इसमें चिंता कि बात यह भी है कि इनमें से कई ऐप ऑरिजनल ऐप्स के ड्यूप्लिकेट वर्जन होते हैं. ज्यादातर यूजर इन्हें पहचानने में गलती करते हैं और अनजाने में अपने फोन का ऐक्सेस हैकर्स को दे देते हैं. इसीलिए यहां हम आपको कुछ ऐसी ट्रिक्स के बारे में बता रहे हैं जिनसे कि आप प्ले स्टोर पर फर्जी ऐप्स को आसानी से पहचान सकेंगे.

यह भी पढ़ें- आईफोन यूजर्स को जल्द मिलेगी नई टेक्नोलॉजी, मोबाइल से टच करके स्टार्ट कर सकेंगे गाड़ी

ऐप्स पर ध्यान दें
प्ले स्टोर पर ऐप सर्च करने के दौरान एक ही ऐप के कई ऑप्शन सामने आ जाते हैं. इनमें से सही को चुनना कई बार काफी मुश्किल हो जाता है. अगर आपको भी इस समस्या का सामना पड़ता है, तो बेहतर होगा कि आप लिस्ट हुए ऐप्स को ध्यान से देखें. ऑरिजनल ऐप्स के मुकाबले फर्जी ऐप्स के आइकन में जरूर कुछ कमी नजर आएगी. अगर आइकन में आपको कोई फर्क नजर नहीं आता तो ऐप के नाम की स्पेलिंग में कुछ न कुछ गड़बड़ी होगी. इन खामियों से आप बड़ी आसानी से फर्जी ऐप को पहचान पाएंगे.

ऐप और डिवेलपर को वेरिफाइ करें
फर्जी ऐप्स बनाने वाले डिवेलपर कई बार ऑरिजनल ऐप और उसके डिवेलपर के नाम को बड़ी बारिकी से कॉपी कर लेते हैं. हालांकि, इसमें कई ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें फर्जी ऐप डिवेलपर कॉपी नहीं कर सकते. असली ऐप डिवेलपर का नाम यूजर्स को आसानी से दिख जाते हैं. वहीं, फर्जी डिवेलपर अपनी डीटेल को जल्दी सामने नहीं लाते.

कितनी बार हुआ है डाउनलोड
ऐप असली है या नकली इसकी पहचान का सबसे आसान तरीका डाउनलोड काउंट है. इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, फेसबुक और वॉट्सऐप प्ले स्टोर पर मौजूद सबसे ज्यादा पॉप्युलर ऐप्स में से एक हैं. इनके फर्जी ऐप आसानी से पकड़ में आ सकते हैं. इन ऑरिजनल ऐप्स का दुनियाभर में करोड़ों बार डाउनलोड किया गया है और प्ले स्टोर पर इनके डाउनलोड काउंट की जानकारी भी दी जाती है. ऐसे में अगर किसी पॉप्युलर ऐप का कोई फर्जी ऐप टॉप लिस्ट में दिख रहा है तो उसे आप डाउनलोड काउंट देखकर पहचान सकते हैं.

यूजर रिव्यू को पढ़ें
कोई ऐप फेक है या ऑरिजनल इसकी पहचान आप यूजर रिव्यू से भी कर सकते हैं. फर्जी ऐप डिवेलपर अपने ऐप को सही बताने के लिए कई पॉजिटिव रिव्यू पोस्ट करते हैं, लेकिन इन्हीं में आपको कुछ ऐसे रिव्यू भी मिल जाएंगे जो इन ऐप्स की असलियत बता रहे होंगे. अगर आपको ऐसा कोई भी रिव्यू मिलता है जिसमें उस फर्जी ऐप के बारे में निगेटिव कॉमेंट किया गया हो तो उसे इंस्टॉल करने से बचें.

फर्जी ऐप दिखने पर क्या करें
गूगल प्ले स्टोर पर अगर आपका किसी फर्जी ऐप से पाला पड़ता है, तो आप उसे कभी डाउनलोड न करें. इसके साथ ही बेहतर होगा कि आप उस ऐप को रिपोर्ट करें ताकि गूगल यह जान सके कि उस ऐप में कोई गड़बड़ी है. इसके लिए आप उस फर्जी ऐप को फ्लैग भी कर सकते हैं. फेक ऐप को फ्लैग करने के लिए आपको पेज में नीचे की तरफ 'Flag As Inappropriate' का ऑप्शन मिलेगा. इसपर क्लिक कर आप किसी भी फर्जी ऐप को फ्लैग और रिपोर्ट कर सकते हैं.