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Google Play Store से 10 ऐप्स डिलीट करने पर सरकार हुई सख्त, अश्विनी वैष्णव ने दो टूक में दिया जवाब

इस कार्रवाई के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने सीधे तौर पर जवाब दिया है कि गूगल ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकता.

Updated on: 03 Mar 2024, 06:36 AM

नई दिल्ली:

गूगल ने पमेंट फीस नहीं भरने के लिए भारत की दस दिग्गज ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से रिमूव कर दिया था. जिसके बाद ऐप्स टेक इंडस्ट्री में हड़कंप मच गई थी. बता दें कि गूगल ने शुक्रवार को भारत के दस ऐप्स पर कार्रवाई करते हुए गूगल प्ले स्टोर से डिलीट कर दिए थे. रिमूव किए गए ऐप्स में Kuku FM, Bharat Matrimony, Shaadi.com, Naukri.com, 99 Acres, Truly Madly, Quack Quack, Stage, ALTT (Alt Balaji) और दो अन्य ऐप्स शामिल हैं. इस कार्रवाई के बाद केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने सीधे तौर पर जवाब दिया है कि गूगल ऐसा बिल्कुल नहीं कर सकता.

इस संबंध में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम पहले ही गूगल से बात कर चुके हैं और स्टार्टअप्स से भी इस मुद्दे पर बात करेंगे. उन्हें भारत में सुरक्षा मुहैया करायी जायेगी.उन्होंने आगे कहा कि ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती. इस तरह की डी-लिस्टिंग की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जा सकती. मंत्री के बयान के बाद अब तक गूगल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

स्टार्टअप्स ने इसका खुलकर किया विरोध

गूगल की कार्रवाई के बाद कई स्टार्टअप्स ने इसका खुलकर विरोध किया है. इस मामले को लेकर गूगल ने कहा कि फीस की मदद से वह एंड्रॉइड और प्ले स्टोर के इकोसिस्टम को विकसित करने और बढ़ावा देने में मदद करता है. कूकू एफएम के सीईओ लाल चंद बिशु एक्स प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करके आलोचना की है. पोस्ट करते हुए लिखा, Google व्यवसायों के लिए सबसे बुरी कंपनी है. हमारा भारतीय स्टार्टअप सिस्टम पूरी तरह से उनके द्वारा नियंत्रित है. Google ने 2019 में हमें पूर्व-सूचित किए बिना 25 दिनों के लिए हटा दिया. अब तक के सबसे बुरे दिन. जरा उस माहौल की कल्पना करें जहां टीम रोजाना ऑफिस में काम कर रही हो और प्ले स्टोर पर कोई ऐप न हो. 

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कोई विकल्प नहीं बचा है? 

उन्होंने आगे लिखा कि हमें फिर से डिलीट कर दिया है. अब हमारे पास उनकी शर्तें मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. यह हमारे व्यवसाय को पूरी तरह से नष्ट कर देगा और KUKU FM को देश के अधिकांश लोगों के लिए अप्राप्य बना देगा, लेकिन एक एकाधिकार ने कब अपने से परे किसी चीज़ की परवाह की है. ऐसा महसूस होता है कि यदि हमारा पारिस्थितिकी तंत्र उनके द्वारा नियंत्रित किया जाता है तो हम कभी भी सुरक्षित रूप से कार्य नहीं कर पाएंगे. हमें चाहिए कि भारत सरकार आगे आए और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को बचाए.