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एप्पल अब भारत में बनाएगा iPhone 14

मेक इन इंडिया भारत की बढ़ती हुई ताकत का सूत्रधार है. ये हम इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि दुनियाभर में स्मार्टफोन और डिफरेंट तरह के गैजैट्स बनाने वाली फैम कंपनी Apple आने वाले दिनों में अब अपने नए आइफोन का उत्पादन भारत में करेगी

Updated on: 24 Aug 2022, 11:32 AM

नई दिल्ली:

मेक इन इंडिया भारत की बढ़ती हुई ताकत का सूत्रधार है. ये हम इसलिए भी कह रहे हैं क्योंकि दुनियाभर में स्मार्टफोन और डिफरेंट तरह के गैजैट्स बनाने वाली फैम कंपनी Apple आने वाले दिनों में अब अपने नए आइफोन का उत्पादन भारत में करेगी. आपको बता दें कि ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार Apple अपने आने वाले i Phone 14 को भारत में भी बनाएगी. बीजिंग और वॉशिंगटन के बीच तनातनी और पूरे चीन में लॉकडाउन के कारण आईफोन के उत्पादन में रुकावट के बाद अमेरिकी कंपनी एप्पल ने भारत में नए आईफोन मॉडल का उत्पादन करने की योजना बनाई है.

 

भारत को तवज्जो दे रहा एप्पल


जानकारी के अनुसार Apple अपने करीब 90 फीसद से ज्यादा प्रोडक्ट को अभी तक चीन में ही बनाती आई है और चीन एप्पल के लिए मार्केटिंग का बड़ा बाजार भी है, लेकिन बीते कुछ सालों में चाइना की पॉलिसी और वहां कि घरेलु कंडीशन्स की वजह से  Apple ने अब चीन से ज्यादा तवज्जो भारत के देनी शुरू कर दी है इतना ही नहीं चीन के बाद अब भारत उसकी पहली पसंद बन चुका है. आपको बता दें कि भारत में फिलहाल आईफोन 11, 12 और 13 का प्रोडक्शन होता है. ये सभी आईफोन तमिलनाडु में स्थापित ताइवानी कंपनी (Fox Con) फॉक्सकॉन के प्लांट में बनाए जाते हैं.


बिक्री को दोगुना करेगी एप्पल


इस समय एप्पल वर्ल्ड की सबसे बड़ी और कामयाब कंपनियों में टॉप में शुमार है. एप्पल की टोटल मार्केट वैल्यु तकरीबन 215 लाख करोड़ रुपये है और एप्पल की ये वैल्यु दुनिया के 180 देशों की जीडीपी से भी कहीं ज्यादा है. सिर्फ 2020 में ही Apple ने दुनियाभर में  23 करोड़ iPhones और 7 करोड़ 10 लाख iPads बेचे थे. इतना ही नहीं साल 2021 में कंपनी ने रिकॉर्ड 24 करोड़ iPhone बेचे थे, जिसमें 54 लाख भारत में बेचे गए थे. Apple ने बीते वर्ष ही अपने कुल फोन प्रोडक्शन का 3.1 फीसद भारत में तैयार किया, जबकि इस साल एप्पल इस आंकड़े को 6 से 7 प्रतिशत यानी करीब दोगुना करना चाहती है.
 

सुपर पावर बनना चाहता है चीन


सबसे बड़ी और अहम बात ये है कि आखिर एप्पल और तमाम मौबाइल की दिग्गज कंपनियां चीन को छोड़कर अब भारत की ओर अपना रुख क्यों कर रही है. अपने पड़ौसी देशों से लगातार चीन की तनातनी लगी रहती है. दरअसल चीन अब दुनिया के सबसे बड़े सुपर पावर अमेरिको पछाड़कर दुनिया पर एक मुश्त व्यापारिक राज करना चाहता है. चीन का यही रवैया और सोच चीन और अमेरिका के बीच टकराव और चैलेंज को जन्म दे रही है. इसी कारण दोनों देशों के रिश्ते दिन-ब-दिन खराब होते जा रहे हैं. न  सिर्फ इकॉनोमिक बल्कि रणनीतिक मोर्चे पर भी चीन आज अमेरिका को पछाड़कर चीन से आयात होने वाले सामान पर अमेरिका भारी भरकम इंपोर्ट ड़्यूटी लगा रहा है और इसकी वजह से ऐप्पल जैसी कंपनियों के लिए चीन में काम करना मुश्किल हो रहा है.


कोरोना भी चीन से रिटर्न का अहम कारण


इस बात को पूरी दुनिया अच्छी तरह से जानती है कि दुनियाभर में कोरोना को पहुंचाने का प्रोडक्शन सेंटर चीन के वुहान  ही है. वुहान से ही कोरोना वायरस का जन्म हुआ था.दुनियाभर के देशों और हेल्थ एक्सपर्ट ने इसको लेकर चीन की मंशा और हरकतों को लेकर सवाल उठाए थे.खुद चीन भी कोरोना की गिरफ्त मे काफी समय तक रहा और उसने इससे निपटने के लिए लॉकडाउन लगाने के साथ-साथ बेहद कड़े नियम बनाए जिसकी वजह से तमाम कंपनियों का प्रोडक्शन और काम काफी ज्यादा प्रभावित हुआ.


बिजली संकट से  परेशान कंपनियां


चीन में बिजली का संकट किसी से छुपा नहीं हैै. सिर्फ  एक साल में ही चीन में भयकर बिजली कटौती की दो सबसे बड़ी घटनाएं सामने आ चुकी है. जिसकी वजह से चीन में सूखे की मार पड़ने लगी और वहां की तमाम नदियों का जलस्तर भी खतरनाक लेवल तक कम हो गया. पानी की किल्लत की वजह से चीन के हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स भी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पा रहे हैं. चीन के कई प्रांतों को भयंकर बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. बिजली की किल्लत की वजह से सरकार ने कंपनियों से प्रोडक्शन बंद करने को कहा है. चीन की इकॉनमी में करीब एक तिहाई योगदान देने वाले   जियान्गसू, झेजियांग और ग्वांगडोंग प्रांत को बिजली कटौती का सामना सबसे ज्यादा करना पड़ रहा है. यही वो सबसे बड़ी और महत्वपूरण वजह है जो एप्पल  और दुनियाभर की दिग्गज कंपनियां को चीन से अपना बिजनेस समेटने के लिए मजबूर कर रहे हैं.


आपको बता दें कि आज भारत दुनिया की की तमाम मोबाइल  कंपनियों की पहली पसंद बनता जा रहा है. भारत में  बेहतरीन और स्किल्ड  मैन पावर की किसी तरह की कमी नहीं है.  भारत मोबाइल फोन का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है.भारत मे ंबेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ इलेक्ट्रिसिटी और रोड़ ट्रांस्पोर्टेशन समेत तमाम सुविधाए मौजूद है. केंद्र सरकार भी मेक इन इंडिया मिशन के तहत अपनी शानदार नीतियों के जरिये दुनियाभर की कंपनियों को अपने यहां आमंत्रित कर रही है.