नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। सीबीआई ने फ्रांस की एंबेसी में वीजा घोटाले के एक बड़े मामले में आठ आरोपियों के खिलाफ नई दिल्ली स्थित सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। आरोपियों में फ्रेंच एंबेसी के वीजा विभाग में कार्यरत लोकल लॉ ऑफिसर, उनके पिता, भाई और पत्नी, दो वीजा एजेंट और दो बिचौलिए शामिल हैं।
सीबीआई की इंटरनेशनल ऑपरेशंस डिवीजन ने नई दिल्ली स्थित फ्रांस दूतावास में वीजा धोखाधड़ी की सूचना के आधार पर यह मामला दर्ज किया था।
जांच में सामने आया कि जनवरी 2021 से मई 2022 के बीच आरोपी लोकल लॉ ऑफिसर ने पंजाब के वीजा आवेदकों को निशाना बनाकर एक नेटवर्क के जरिए उनसे शेंगेन वीजा दिलाने के नाम पर भारी रकम वसूली।
पंजाब स्थित वीजा एजेंटों के इस नेटवर्क ने प्रत्येक आवेदक से 13 लाख से 45 लाख रुपए तक वसूली और बदले में उनके वीजा आवेदन प्रोसेस करवा कर वीजा जारी कराया गया। वीजा जारी होने के बाद संबंधित दस्तावेजों और फाइलों को नष्ट कर दिया गया।
जांच के दौरान पंजाब और दिल्ली के कई स्थानों पर छापेमारी में करोड़ों रुपए की संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज और बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई। दो वीजा एजेंट इस पूरे घोटाले के मुख्य साजिशकर्ता थे, जिन्होंने धन को कई बैंक खातों के जरिए घुमाकर आरोपी लॉ ऑफिसर और उनके परिवार तक पहुंचाया। इसमें दो बिचौलिए भी शामिल थे।
आरोप पत्र में शुभम शौकीन, अभिषेक शौकीन, समुंदर सिंह, आरती चौधरी, बलविंदर सिंह बरतिया, प्रीतपाल सिंह, जशनदीप सिंह सिद्धू, भवन शौकीन के नाम शामिल हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपराध की संपत्ति का पता लगाने के लिए सीबीआई की इंटरनेशनल ऑपरेशंस डिवीजन और इंटरनेशनल पुलिस को-ऑपरेशन यूनिट ने समन्वय कर इस केस में भारत का पहला सिल्वर नोटिस प्रकाशित कराने में सफलता पाई। साथ ही अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर सीबीआई ने सबूत इकट्ठा किए।
सीबीआई का कहना है कि वह अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से परे जाकर अपराध के खिलाफ कार्रवाई करने और भारत एवं विदेशों में ठगे गए पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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