फिल्मी पर्दे के 'खलनायक' आशीष विद्यार्थी, जिनके सरनेम का किस्सा है दिलचस्प

फिल्मी पर्दे के 'खलनायक' आशीष विद्यार्थी, जिनके सरनेम का किस्सा है दिलचस्प

फिल्मी पर्दे के 'खलनायक' आशीष विद्यार्थी, जिनके सरनेम का किस्सा है दिलचस्प

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IANS
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Ashish vidyarathi, Ashish vidyarathi Birthday

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 18 जून (आईएएनएस)। फिल्मी पर्दे के खलनायकों का जिक्र हो और आशीष विद्यार्थी का नाम न आए तो ये अधूरा ही रहेगा। बॉलीवुड और साउथ सिनेमा में अपने खास अंदाज और खलनायकी से दर्शकों के दिलों में खौफ और सम्मान दोनों पैदा करने वाले अभिनेता आशीष विद्यार्थी का 19 जून को 62वां जन्मदिन है। उनके सरनेम ‘विद्यार्थी’ का किस्सा भी दिलचस्प है।

300 से ज्यादा फिल्में और 11 भाषाओं में अपने अभिनय का जादू बिखेरने वाले आशीष न केवल एक शानदार कलाकार हैं, बल्कि एक मोटिवेशनल स्पीकर और फूड व्लॉगर भी हैं। क्या आप जानते हैं कि उनके सरनेम ‘विद्यार्थी’ की कहानी उतनी ही दिलचस्प है, जितने उनके किरदार?

आशीष विद्यार्थी का जन्म 19 जून, 1962 को केरल के कुन्नूर में हुआ था। उनके पिता गोविंद विद्यार्थी एक मलयाली थिएटर आर्टिस्ट थे, जबकि मां रीवा विद्यार्थी एक मशहूर कथक नृत्यांगना थीं, जिनकी जड़ें राजस्थान और पश्चिम बंगाल से जुड़ी थीं।

इस परिवार में आशीष का बचपन थिएटर और कला के बीच बीता। छोटी उम्र में ही वे दिल्ली आ गए, जहां उन्होंने पढ़ाई पूरी की। दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से इतिहास विषय में ऑनर्स की डिग्री हासिल करने के बाद आशीष ने भारतीय विद्या भवन के मेहता विद्यालय में एक्टिंग और ड्रामेटिक्स की ट्रेनिंग ली।

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) में पढ़ाई के दौरान उन्होंने थिएटर में अपनी प्रतिभा को निखारा, जिसने उनके अभिनय करियर की नींव रखी।

आशीष का सरनेम ‘विद्यार्थी’ उनके पिता गोविंद ने स्वतंत्रता सेनानी और साहित्यकार गणेश शंकर विद्यार्थी के सम्मान में अपनाया था। दरअसल, गोविंद युवावस्था में गणेश शंकर विद्यार्थी के किरदार को थिएटर में निभाया करते थे। इस किरदार ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने अपने नाम के साथ ‘विद्यार्थी’ जोड़ लिया। बाद में यह सरनेम न केवल उनके बेटे आशीष के साथ जुड़ गया बल्कि उनकी पहचान भी बन गया।

पिता से मिले सरनेम के साथ ही आशीष ने अभिनय की इस विरासत को भी बखूबी संभाला और इसे गौरवमयी बनाया।

फिल्म इंडस्ट्री में अपनी खलनायकी से एक अलग पहचान बनाने वाले आशीष ने अपने करियर की शुरुआत 1986 में कन्नड़ फिल्म ‘आनंद’ से की। वहीं, बॉलीवुड में उनकी पहली रिलीज फिल्म ‘द्रोहकाल’ थी, जो 1994 में रिलीज हुई थी। फिल्म में शानदार अभिनय के दम पर वह न केवल दर्शकों की पसंद बने बल्कि उनके किरदार ने उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी दिलाया।

इसके बाद वह ‘1942: अ लव स्टोरी’, ‘बाजी’, ‘नाजायज’, ‘बिच्छू’, ‘हसीना मान जाएगी’, ‘कहो ना प्यार है’ और ‘जोड़ी नंबर 1’ जैसी फिल्मों का हिस्सा बने।

आशीष ने हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम, कन्नड़, बंगाली, मराठी, ओड़िया और अंग्रेजी समेत 11 भाषाओं में 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। उन्हें फिल्म ‘इस रात की सुबह नहीं’ के लिए स्टार स्क्रीन अवॉर्ड भी मिला। साउथ सिनेमा में ‘एके-47’, ‘वंदे मातरम’ और ‘नंदी’ जैसी फिल्मों में उनके किरदारों ने भी खूब वाहवाही बटोरी। आशीष की खासियत है कि वे हर किरदार में जान डाल देते हैं।

उनकी हालिया फिल्म ‘गुडबाय’ है, जो 2022 में रिलीज हुई थी। फिल्म में अमिताभ बच्चन और रश्मिका मंदाना के साथ उनकी भूमिका को सराहा गया। इसके अलावा, टीवी शो ‘हम पंछी एक चाल के’ में भी उन्होंने अपनी छाप छोड़ी।

आशीष केवल खलनायक की छवि तक सीमित नहीं हैं। वह मोटिवेशनल स्पीकर और फूड व्लॉगर भी हैं। पिछले कुछ सालों से आशीष सोशल मीडिया पर अपने फूड व्लॉगिंग अंदाज से भी चर्चा में हैं। वह देश-विदेश की गलियों में चाय की टपरी से लेकर स्थानीय व्यंजनों तक का स्वाद चखते हैं और अपने अनुभव फैंस के साथ शेयर करते हैं।

--आईएएनएस

एमटी/एबीएम

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