खेल राजनीति और किस्मत का : जब राजीव गांधी ने मनमोहन सिंह और उनके साथियों को कहा था “Bunch of Jockers”.

मनमोहन सिंह द्वारा जब पंचवर्षीय योजना को पेश किया गया तो राजीव गांधी इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने मनमोहन सिंह को भरी सभा में सब के सामने फटकार लगा दी और यह स्पष्ट कर दिया कि वह इस दृष्टिकोण से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं.

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Mohit Sharma
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Manmohan Singh

Manmohan Singh Photograph: (Manmohan Singh)

(रिपोर्ट- स्मृति शर्मा)

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हमने कितने नेताओं को देखा है कि उनके राजनीतिक जीवन में किस्मत और परिस्थिति का खेल बहुत अहम  रहा  है. ऐसा ही एक दिलचस्प और ऐतिहासिक किस्सा भारत के दो बड़े नेताओं राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के बीच का है. यह किस्सा न केवल भारतीय राजनीति की जटिल परिस्थितियों को दिखता  है, बल्कि समय के साथ परिस्थितियां कैसे बदल जाती हैं यह भी दिखाता है .

वर्ष 1985 का  पंचवर्षीय योजना विवाद

घटना साल की है, जिस समय राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे. उस समय देश  1985-1990 की पंचवर्षीय योजना पर काम चल रहा था. योजना आयोग के उपाध्यक्ष मनमोहन सिंह थे,  उन्होंने  एक प्रेजेंटेशन दिया था , जिसमें उनका ज़्यादा फोकस गांव और गरीबों पर था. मनमोहन सिंह का यह मानना था कि देश की तरक्की तभी होगी, जब ग्रामीण इलाकों और गरीबों का विकास होगा.

हालांकि, राजीव गांधी का दृष्टिकोण इससे बिल्कुल अलग था. उनका ध्यान शहरी विकास पर ज़्यादा था. राजीव गांधी आधुनिक भारत के निर्माण की बात कर रहे थे, वह बड़े हाईवे, भव्य मॉल और अत्याधुनिक अस्पताल बनाने के पक्ष में ज़्यादा थे . उनकी प्राथमिकता शहरीकरण और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करने की थी.

जब राजीव गांधी ने मनमोहन सिंह और साथियों को कहा “Bunch of Jokers” 

मनमोहन सिंह द्वारा जब पंचवर्षीय योजना को पेश किया गया तो राजीव गांधी इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने मनमोहन सिंह को भरी सभा में सब के सामने फटकार लगा दी और यह स्पष्ट कर दिया कि वह इस दृष्टिकोण से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं. अगले दिन, जब पत्रकारों ने राजीव गांधी से योजना आयोग के बारे में पूछा, तो उन्होंने मनमोहन सिंह और उनके साथियों को  ‘Bunch of Jokers’ कह दिया. इस बयान ने राजनीति में हलचल मचा दी. 

किस्मत का पलटवार: साल  में मनमोहन सिंह बने प्रधानमंत्री

समय का चक्र घूमता रहा. साल 2004 में कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों में जीत हासिल की. जीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री पद के लिए एक योग्य उम्मीदवार की तलाश थी. यह एक ऐसा समय था, जब कांग्रेस पार्टी के पास कई दिग्गज नेता थे. लेकिन सोनिया गांधी ने उन सभी को दरकिनार करते हुए मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री पद के लिए नियुक्त किया .यह फैसला सभी के लिए चौंकाने वाला था, लेकिन यह साबित करता है कि राजनीति में दूरदर्शिता और स्थिरता कितनी महत्वपूर्ण होती है.ये वही मनमोहन सिंह, जिन्हें कभी ‘Bunch of Jokers’ का हिस्सा कहा गया था, अब भारत के प्रधानमंत्री बनकर देश का नेतृत्व कर रहे थे.

Manmohan Singh Manmohan Singh Death
      
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