क्या रेलवे की 151 ट्रेनों के साथ स्टेशन और अस्पतालों का होगा निजीकरण? सामने आई ये सच्चाई 

ऐसे में निजीकरण को लेकर यह दावा तेजी से वायरल हो रहा है. इस मामले में पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने इस ट्वीट को फर्जी करार दिया है

ऐसे में निजीकरण को लेकर यह दावा तेजी से वायरल हो रहा है. इस मामले में पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने इस ट्वीट को फर्जी करार दिया है

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Mohit Saxena
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railway( Photo Credit : @ ani)

सोशल मीडिया (Social Media) पर भारतीय रेलवे (Indian Raiways) को लेकर बड़ा दावा किया जा रहा है. एक ट्वीट के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेलवे की 151 ट्रेनों, रेलवे संपत्ति स्टेशनों और अस्पतालों का निजीकरण किया जा रहा है. इस ट्वीट को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट की तरह दिखाया जा रहा है. इसमें लिखा है कि रेलवे हर साल 12 लाख लोगों को रोजगार दे रहा है. करीब 2.5 करोड़ लोग इसकी सेवाएं प्राप्त करते हैं. ऐसे में निजीकरण को लेकर यह दावा तेजी से वायरल हो रहा है. इस मामले में पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने इस ट्वीट को फर्जी करार दिया है. उसका कहना है कि यह पूरी रह से भ्रामक दावा है. इस तरह का कोई निर्णय भारतीय रेलवे की ओर से नहीं किया गया है.

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भारतीय रेलवे अपनी किसी भी संपत्ति का निजीकरण नहीं कर रहा है. रेलवे ने इस मामले में किसी तरह का कोई ऐलान नहीं किया है. पीआईबी ने इस ट्वीट को शेयर किया है. इस संदेश राहुल गांधी की तस्वीर बनी हुई है. अंग्रेजी में इस संदेश में लिखा है कि रेलवेस बीइंग सोलड. 

पीआईबी के अनुसार, इस तरह से लोगों को गुमराह करने का प्रयास हो रहा है. इस तरह से लोगों की पर्सनल डिटेल चुराने की कोशिश होती. मैसेज के माध्यम से अक्सर लोगों के बीच फेक न्यूज पहुंचाने और सरकार की छवि बिगाड़ने का प्रयास होता है. सोशल मीडिया पर कई बार इस तरह की खबरें वायरल हो जाती हैं. इससे जनता में भय और डर का माहौल बनता है और सरकार की ओर नाराजगी बढ़ जाती है.   

Source : News Nation Bureau

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