सोशल मीडिया (social media)में श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज का एक वीडियो वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि वीडियो दिल्ली के कालकाजी मंदिर का है. जहां दुर्गा अष्टमी के दिन मंदिर को अचानक जानबूझकर बंद कर दिया गया. लोगों ने आपत्ति जताई तो उनपर लाठीचार्ज कर दिया गया. वीडियो को शेयर करते हुए ऋतम् नाम की यूजर ने लिखा- "दिल्ली के प्रसिद्ध कालका जी मंदिर के गेट को पुलिस ने बंद कर श्रद्धालुओं के दर्शन पर रोक लगा दी है.. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.. साथ ही पुलिस ने श्रद्धालुओं पर लाठियां बरसाने पर वहां के पुजारियों में रोष है..
पड़ताल
वीडियो के बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि हाल में ही मंदिर पर (Delhi Disaster Management Authority) के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा था...जिसके बाद नवरात्र तक मंदिर के गर्भगृह को श्रद्धालुओं की एंट्री पर रोक लगा दी गई है. लेकिन वायरल वीडियो में पूरा मंदिर बंद करने का दावा किया जा रहा है. हमने मंदिर प्रशासन से वीडियो की सच्चाई जानने की कोशिश की तो हमें एक और वीडियो मुहैया कराया गया. इस वीडियो में मंदिर के कपाट बंद नज़र आ रहे हैं. मंदिर के पुजारी इसकी वजह भी बता रहे हैं..
कैसे पता चला सच ?
चूंकि इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.. इसलिए हमने साउथ-ईस्ट दिल्ली की डीसीपी ईशा पांडे से बात की तो हमें बताया गया कि दिल्ली पुलिस पहले ही वीडियो के साथ किए जा रहे दावे का खंडन कर चुकी है. डीसीपी ईशा पांडे ने अपने ट्वीट में लिखा कि वायरल वीडियो दुर्गा अष्टमी का नहीं बल्कि नवरात्र की शुरुआत का है. जब अचानक मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ गई थी, भीड़ को मैनेज करने के लिए मंदिर को कुछ देर के लिए बंद किया गया था... लेकिन व्यवस्था दुरुस्त होने के बाद मंदिर के कपाट खोल दिए गए थे.
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इस तरह हमारी पड़ताल में वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ है. वीडियो दुर्गा अष्टमी का नहीं है और ना ही जानबूझकर मंदिर के कपाट बंद किए गए थे. भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कुछ देर के लिए मंदिर बंद किया गया था..
HIGHLIGHTS
- सोशल मीडिया पर श्रद्धालुओं पर लाठीचार्ज का वीडियो हो रहा वायरल
- मंदिर बंद होने से पुजारियो में रोष व्याप्त है
- न्यूज नेशन की पड़ताल में दावा हुआ गलत साबित
Source : Vinod kumar