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Fact Check( Photo Credit : News Nation)
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Fact Check( Photo Credit : News Nation)
सोशल मीडिया में एक वीडियो लोगों को हैरान कर रहा है। इस वीडियो में एक युवक मोबाइल फोन के क्यू-आर कोड को बार-बार ATM की स्क्रीन पर स्कैन कर रहा है। लेकिन ATM से पैसे बाहर नहीं आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि ये ATM वैक्सीन लगवा चुके लोगों की पहचान लेता है, जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई ATM उनके पैसे नहीं निकालता है। दावे के मुताबिक वायरल वीडियो रूस का है। वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- "रूस के सबसे बड़े बैंक के ATM अब बिना वैक्सीन लगवाए लोग इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।" जानिए, न्यूज़ नेशन की लाई डिटेक्टर इनवेस्टिगेशन टीम के विनोद कुमार की इस रिपोर्ट के जरिए...
पड़ताल
Russia - ATMs of the largest Russian bank are not usable for unvaccinated people. pic.twitter.com/fn2smKmQ11
— Wittgenstein (@Kukicat7) November 3, 2021
रूस में हर दिन करीब 1 हज़ार लोगों की जान कोरोना वायरस की वजह से जा रही है। लेकिन वैक्सीन अभी भी सिर्फ 40 फीसदी लोगों को ही लगी है। वीडियो का सच पता करने के लिए हमने इसे बड़े ध्यान से सुना तो वीडियो में एक महिला बार-बार क्यू-आर कोड का जिक्र करती सुनाई दी, लेकिन इस महिला ने एक बार भी वैक्सीन शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। जिससे वीडियो के साथ किए जा रहे दावे पर शक हुआ। कुछ की-वर्ड्स की मदद से हमने रशियन मीडिया में वीडियो को लेकर जानकारी जुटाई, तो एक रिपोर्ट हमारे हाथ लगी। जिससे पता चला कि रूस के एक बड़े बैंक SberBank ने हाल ही में ऐसी सुविधा शुरू की है। जिसमें मशीन को बिना छुए सिर्फ क्यू-आर कोड स्केन करने से बैंकिंग सुविधा का लाभ लिया जा सकता है। ऐसी मशीने खासतौर पर कोरोना के ख़तरे को देखते हुए लगाई गई हैं, ताकि पैसे निकालते वक्त मशीन को छूने की जरूरत ना पड़े। इन मशीनों पर कोरोना वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट भी निकाला सकता है।
पड़ताल में हमें पता चला कि ये शख़्स भी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट डाउनलोड करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन तकनीकी खामी की वजह ये कामयाब नहीं हो पा रहा था। किसी ने आधी-अधूरी जानकारी के साथ ये वीडियो सोशल मीडिया में अपलोड कर दिया। SberBank ने भी प्रेस रिलीज़ जारी कर वीडियो के साथ किए जा रहे दावे का खंडन किया है। इस तरह हमारी पड़ताल में वैक्सीनेट लोगों की पहचान करते ATM का दावा पूरी तरह गलत साबित हुआ है।
Source : Vinod kumar