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क्या दिल्ली में पाकिस्तानी झंडा लगाकर दौड़ी बस ?, न्यूज़ नेशन की पड़ताल में सामने आया सच

सोशल मीडिया में करीब 2 मिनट का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में दो कार सवार एक बस का पीछा करते नज़र आ रहे हैं. करीब 40 सेकंड बाद कार सवार बस को ओवरटेक करके रोक लेते हैं.

Updated on: 17 Dec 2021, 09:00 PM

highlights

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा 2 मिनट का वीडियो 
  • वीडियो में दो कार सवार एक बस का पीछा करते नज़र आ रहे हैं
  • शख़्स को उतारकर उसके साथ बदसलूकी करते हुए दिखाई पड़ते हैं 

नई दिल्ली :

सोशल मीडिया में करीब 2 मिनट का एक वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में दो कार सवार एक बस का पीछा करते नज़र आ रहे हैं. करीब 40 सेकंड बाद कार सवार बस को ओवरटेक करके रोक लेते हैं. साथ ही बस से एक उम्रदराज शख़्स को उतारकर उसके साथ बदसलूकी करते हैं. बुजुर्ग से पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगवाए जाते हैं. दावा किया जा रहा है इस बस पर पाकिस्तान का झंडा लगा था. पाकिस्तान का झंडा लगाकर ये बस दिल्ली में करीब 15 किलोमीटर दूर तक दौड़ती रही. जिसके बाद हरियाणा में इस बस को रोका गया. कुछ लोगों ने बस को रोककर पाकिस्तान का झंडा उतरवाया. वीडियो को शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा-"बस पर पाकिस्तानी झंडा ? झंडा लहराते दौड़ रही थी. बस, हिंदू देश भक्तों ने गाड़ी को रोका और फिर क्या हुआ. देखे नजारा!"

पड़ताल
पड़ताल के दौरान एक-एक फ्रेम देखा तो बस की नंबर प्लेट से अहम क्लू मिला, नंबर प्लेट का पहला अक्षर WB यानि वेस्ट बंगाल था. दूसरा क्लू इस बस के ऊपर हवाड़ा लिखा दिखाई दिया. तीसरा क्लू बस के पिछले हिस्से पर लिखे मोबाइल नंबर से मिला. इन तीनों क्लू से साफ हो गया कि बस पश्चिम बंगाल के पते पर रजिस्टर्ड है. हमारे कोलकाता संवाददाता तापस सेन गुप्ता ने बस के पीछे लिखे मोबाइल नंबर पर फोन किया, तो हमें बताया कि ये बस वीरभूम के भोजपुर की है. साथ ही बताया गया कि बस के पीछे लगाया गया झंडा पाकिस्तानी नहीं बल्कि धार्मिक था.

कैसे सामने आया सच ?
अभी तक की पड़ताल में जो जानकारी मिली उसकी पुष्टि के लिए हमने बस के पीछे लगे झंडे से पाकिस्तान के झंडे का मैच कराया तो पता चला कि वायरल तस्वीर में पूरा झंडा हरे रंग का है. जबकि पाकिस्तानी झंडे में डंडे के करीब सफेद रंग की पट्टी दिखाई दे रही है. इस तरह हमारी पड़ताल में साबित हो गया कि बस के पीछे लगे जिस झंडे को पाकिस्तान का बताया जा रहा है. असल में वो पाकिस्तान का नहीं बल्कि एक धार्मिक झंडा था. हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत पाया गया है.