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सामने आया नागालैंड में फायरिंग का वीडियो, सामने आया सच

सोशल मीडिया पर जवानों और कुछ लोगों के बीच झड़प का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में आक्रमक लोग एक जवान की गर्दन पर छुरा रखे दिखाई दे रहे हैं. जवान को बचाने के साथी जवान जमीन पर अंधाधुंध फायरिंग करते हैं.

Updated on: 07 Dec 2021, 08:38 PM

highlights

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा करता हुआ वीडियो 
  • वीडियो में आक्रमक लोग एक जवान की गर्दन पर छुरा रखे दिखाई दे रहे हैं
  • दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो 4 दिसंबर को नागालैंड का है

नई दिल्ली :

सोशल मीडिया पर जवानों और कुछ लोगों के बीच झड़प का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में आक्रमक लोग एक जवान की गर्दन पर छुरा रखे दिखाई दे रहे हैं. जवान को बचाने के साथी जवान जमीन पर अंधाधुंध फायरिंग करते हैं. दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो 4 दिसंबर को नागालैंड का है, जहां सेना और लोगों के बीच झड़प में 15 लोगों की जान चली गई थी. दावे के मुताबिक वायरल वीडियो एक जवान ने ही अपने मोबाइल से रिकॉर्ड किया है. वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- "इस तरह के उकसावे पर कोई कैसे प्रतिक्रिया देता है? सशस्त्र सैनिकों द्वारा दिखाए गए संयम पर ध्यान दें. ट्रिगर हैप्पी नहीं! आप अपना निष्कर्ष निकाल सकते हैं.

पड़ताल
हमने वीडियो से देखा तो इसमें कई क्लू दिखाई दिए. वीडियो में जिस तरह की भाषा सुनाई दे रही है, उससे लगता है कि वीडियो भारत का नहीं है. हमारे यहां नॉर्थ-ईस्ट में जवान डार्क ग्रीन ओलिव पहनते हैं. जबकि वीडियो में दिखाई दे रहे जवानों ने डेजर्ट ग्रीन ओलिव पहन रखा है. इसके अलावा वायरल वीडियो में एक जवान के हाथ में PAG यानि पंप एक्शन शॉ़ट गन नज़र आ रही है. जबकि भारतीय जवान आमतौर इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं.

पड़ताल में मिले इन तीन क्लू के बाद हमने वीडियो की की-फ्रेमिंग की और इसे गूगल रिवर्स इमेज टूल पर सर्च किया तो मध्य-अमेरिकी देश निकारागुआ के एक न्यूज़ चैनल नोटिसियास काराकोल की वेबसाइट पर मौजूद एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में जो जानकारी दी गई थी उसके मुताबिक वायरल वीडियो नागालैंड का नहीं बल्कि मध्य अमेरिकी निकारागुआ का है. जहां चिनडेगा प्रांत के कोरिन्टो में सेना और कुछ असामाजिक तत्वों के बीच टकराव हो गया था. दरअसल, ये लोग खेत पर कब्जे की नीयत से पहुंचे और खेत में काम कर रही मशीनरी को जलाने की कोशिश कर रहे थे. इसी दौरान स्थानीय लोगों की शिकायत पर टास्क फोर्स के जवान मौके पर पहुंच गए. तभी जवानों और इनके साथ झड़प देखने को मिली थी. वेबसाइट पर रिपोर्ट वेबकास्ट होने का साल 2018 लिखा है. यानि कि वायरल वीडियो तीन साल से इंटरनेट पर मौजूद है.

इस तरह हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत साबित हुई है. वायरल वीडियो नागालैंड का नहीं, बल्कि मध्य-अमेरिकी देश निकारागुआ का है. जिसे भारत का बताकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.