पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के मुस्लिम व्यापारियों के लिए जीएसटी माफ कर दिया है. यह संदेश पूरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस खबर को लेकर जब पड़ताल की गई तो ये सच निकलकर सामने आया है. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य को वित्त विभाग की प्रमुख की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके बाद 11 मार्च को उन्होंने राज्य विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया. इस दौरान, सोशल मीडिया पर एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है. इसमें दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के मुस्लिम व्यापारियों के लिए जीएसटी माफ कर दिया है.
सोशल मीडिया के कई प्लेटफॉर्म पर यह मैसेज सर्कुलेट हो रहा है. इसमें लिखा गया है कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. ममता सरकार के अनुसार जीएसटी लागू होने से मुसलमानों का कारोबार प्रभावित हो रहा है. ऐसे में सरकार मुस्लिम व्यवसायियों के सभी बकाया करों का भुगतान करेगी, यानी उनके टैक्स माफ कर दिए गए हैं.
वायरल मैसेज की सच्चाई
हालांकि स्क्रीनशॉट की सामग्री बिल्कुल सच नहीं है. पश्चिम बंगाल सरकार ने न तो ऐसा कोई फैसला लिया है और न ही इसकी घोषणा की है. ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं सामने आई है जो इस दावे का समर्थन करती है. ऐसी संभावना नहीं है कि राज्य सरकार का इतना बड़ा फैसला किसी अन्य मीडिया रिपोर्ट में सामने नहीं आया हो. चार साल पहले भी ऐसी ही एक न्यूज क्लिप सर्कुलेट हुई थी रिसर्च में पाया गया कि कुछ 4 साल पुराने सोशल मीडिया पोस्ट में भी यही दावा किया गया था.
रिपोर्ट के जरिए दावा किया गया है कि राज्य के तत्कालीन वित्त मंत्री अमित मित्रा ने जीएसटी फाइल करने के लिए व्यापारियों को समर्थन देने की घोषणा की थी. लेकिन जांच में ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया. इस मामले को अल्पसंख्यक राज्य मंत्री ने अफवाह बताया. पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री गुलाम रब्बानी ने इस दावे को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा ये मात्र अफवाहें हैं. मुख्यमंत्री को बदनाम करने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर पार्टी प्रमुख ने हमेशा निंदा की है, लेकिन मुसलमानों से जीएसटी हटाने जैसे दावों का कोई मतलब नहीं है.
HIGHLIGHTS
- पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है
- यह संदेश पूरे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है