logo-image

दावा- जिंदा बम समेत पकड़े गए दो आतंकी- न्यूज़ नेशन की पड़ताल में सामने आया सच

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हथियारों से लैंस कुछ जवान एक नीली बस को घेरे दिखाई दे रहे हैं. कुछ देर बाद दो लोगों को बस से नीचे उतारकर लाया जाता है.

Updated on: 28 Oct 2021, 06:41 PM

highlights

  • वायरल हो रहा वीडियो महाराष्ट्र के अमरावती का है
  • वीडियो में कथित आतंकियों को गिरफ़्तारी दिखाई जा रही है
  • भगदड़ ना मचे, इसलिए लोगों को पहले ही हटा दिया था

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हथियारों से लैंस कुछ जवान एक नीली बस को घेरे दिखाई दे रहे हैं. कुछ देर बाद दो लोगों को बस से नीचे उतारकर लाया  जाता है. इनके चेहरे कपड़े से छिपे हैं। हाथ बंधे हुए हैं और जवान इन्हें घुटनों के बल बिठा देते हैं. ये लोग भागने की कोशिश ना करें, इसके लिए इनपर बंदूक भी तान दी जाती है. दावा है कि पुलिस ने इन आतंकियों को जिंदा बम के साथ पकड़ा है, त्योहारों पर गड़बड़ी फैलाने मकसद से ये आंतकी साजिश रच रहे थे. दावे के मुताबिक वायरल हो रहा वीडियो महाराष्ट्र के अमरावती का है. वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- "महाराष्ट्र के अमरावती मे दो आतंकवादी पकडे गये ये बस मे बम ले कर जा रहे थे."

पड़ताल में सामने आया सच 

वीडियो में जिस तरह कथित आतंकियों को गिरफ़्तारी दिखाई जा रही है वो शक पैदा करती हैं. क्योंकि मौके पर कुछ लोग इसका वीडियो भी बना रहे हैं. जबकि ऐसी जगह को सुरक्षाबल अपने कब्जे में ले लेते हैं. वहां आम लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी जाती है. शक पैदा हुआ तो हमने वीडियो की पड़ताल की...चूंकि वीडियो की लोकेशन अमरावती बताई गई थी...लिहाजा हमारे स्थानीय संवाददाता ने अमरावती पुलिस से संपर्क किया. तो हमें बताया गया कि वायरल वीडियो असली आतंकियों का नहीं है बल्कि एक मॉक ड्रिल का हिस्सा है.

आतंकियों से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए इस मॉकड्रिल को किया गया था. जिसमें परतवाड़ा बस स्टैंड पर एक बस को खड़ा किया गया था, किसी तरह की भगदड़ ना मचे, इसलिए लोगों को पहले ही हटा दिया था। ये पूरी मॉकड्रिल 14 अक्टूबर 2021 को त्योहार को देखते हुए की गई थी. अमरावती पुलिस ने हमें एक प्रेस नोट भी मुहैया कराया. जिसमें इस पूरी घटना की जानकारी दी गई है. इस तरह हमारी पड़ताल और पुलिस के प्रेस नोट से साबित हुआ कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है। ये वीडियो आतंकियों की गिरफ़्तारी का नहीं बल्कि एक मॉकड्रिल का हिस्सा है। जिसे असली बताकर शेयर कर दिया गया.