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सिर्फ़ 75 पैसे किलो में खरीद रहे थे टमाटर, न्यूज़ नेशन की पड़ताल में सामने आया सच

सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सैकड़ों टन टमाटर को सड़क किनारे गड्ढे में फेंकते दिखाया जा रहा है. सड़क किनारे ट्रक और टैंपो खड़े हैं और कुछ लोग इन टैंपों से टमाटर उताकर गड्ढे में फेंक रहे हैं.

Updated on: 03 Dec 2021, 07:47 PM

highlights

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा करता वीडियो 
  • वीडियो में किसान टमाटरों को गड्ढे में फेंकते दिख रहे हैं 
  • दावा किया जा रहा है कि ये टमाटर बिल्कुल ठीक है 
     

नई दिल्ली :

सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला वीडियो वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सैकड़ों टन टमाटर को सड़क किनारे गड्ढे में फेंकते दिखाया जा रहा है. सड़क किनारे ट्रक और टैंपो खड़े हैं और कुछ लोग इन टैंपों से टमाटर उताकर गड्ढे में फेंक रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि ये टमाटर बिल्कुल ठीक हैं. लेकिन इन्हें इसलिए फेंका जा रहा है, क्योंकि बिचौलिए टमाटर का दाम कुल लागत से भी कम दे रहे हैं. दावे के मुताबिक दक्षिण भारत में किसानों से 75 पैसे प्रति किलो के रेट से टमाटर खरीदे जा रहे हैं. जिससे परेशान होकर किसान अपनी फसल को फेंक रहे हैं. वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा-"दक्षिण भारत में टमाटर का सही मूल्य दलाल लोग किसानों को नही दे रहे हैं, 75 पैसे प्रति किलो दे रहे हैं. इसलिए किसान लोग टमाटर सड़कों के किनारे फेक रहे है. उत्तर भारत मे किल्लत मची है दलालों के कारण, मोदी जी का किसान कानून का महत्व अब सबको समझ आएगा.

पड़ताल
उत्तर भारत में अब भी टमाटर 50 से 80 रुपये किलो बिक रहा है. दिल्ली जैसे महानगरों में इतना महंगा बिकने वाला टमाटर दक्षिण भारत के किसानों से इतना सस्ता कैसे खरीदा जा रहा है. वीडियो की की-फ्रेमिंग कर हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज टूल पर सर्च किया, जिसके बाद हमें कई मीडिया रिपोर्ट मिली. लेकिन इन मीडिया रिपोर्ट्स में इसी तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. लेकिन रिपोर्ट्स वेबकास्ट करने की तारीख मई 2021 दिखाई दे रही है.

हमने इस रिपोर्ट्स सो विस्तार से पढ़ा तो पता चला कि वायरल वीडियो कर्नाटक के कोलार का है. साथ ही वीडियो अभी का नहीं बल्कि मई महीने का है. जब कर्नाटक में लॉकडाउन की वजह से ज़्यादातर होटल, छात्रावास और मैरिज हॉल बंद थे. ऐसे में शहर में टमाटर की खपत बेहद कम हो गई थी. डिमांड कम होने से किसानों को टमाटर के दाम लागत से भी कम मिल रहे थे. इसलिए किसानों को अपनी फसल बेचने के बजाय फेंकना ज़्यादा बेहतर लगा. ऐसा करके किसानों ने अपना विरोध दर्ज कराया था.
हालांकि किसी भी रिपोर्ट में ये बात सामने नहीं आई कि इन किसानों से 75 पैसे प्रति किलो की दर से टमाटर खरीदे जा रहे थे. हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ है. वीडियो कई महीने पुराना है, जिसे मौजूदा हालात से जोड़कर वायरल किया जा रहा है.