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इंसानी खोपड़ियों को किक मारकर तालिबानियों ने खेला फुटबॉल, जानें वीडियो की सच्चाई 

सोशल मीडिया में विचलित कर देने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है, वीडियो में चार लोग किक मारते दिखाई दे रहे हैं, दावा किया जा रहा है ये चारों लोग तालिबानी लड़ाके हैं और ये जिस चीज को किक मार रहे हैं वो इंसानी खोपड़ियां हैं.

Updated on: 10 Sep 2021, 09:23 AM

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया में विचलित कर देने वाला एक वीडियो वायरल हो रहा है, वीडियो में चार लोग किक मारते दिखाई दे रहे हैं, दावा किया जा रहा है ये चारों लोग तालिबानी लड़ाके हैं और ये जिस चीज को किक मार रहे हैं वो इंसानी खोपड़ियां हैं. अमेरिकी सेना की मुखबिरी करने के शक में तालिबानी लड़कों ने तीन लोगों को पकड़ा था, फिर उनका सिर काटकर सरेआम फुटबॉल खेला, ताकि लोगों को सख़्त संदेश दिया जा सके. वायरल वीडियो में कुल चार लोग नज़र आ रहे हैं, जिन्होंने अफ़गानी पोशाक पहन रखी है, साथ ही ज़मीन पर जो खोपड़ियां पड़ी हैं उनकी संख्या भी तीन ही है. वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा "ये तालिबानी आतंकी है कटे हुए सिरों से फुटबॉल खेल रहे हैं. इस धरती पर मनुष्यता पर कलंक है, आप सोचो आपने बच्चों को इनके लिए छोड़ना है या इन्हें धरती से खत्म करना है."

अफ़गानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से तालिबानियों की कई ख़ौफ़नाक तस्वीरें सामने आ चुकी हैं...लेकिन इंसानी खोपड़ी से फुटबॉल खेलने का वीडियो तो क्रूरता की तमाम हदें पार कर देता है. सच पता करने के लिए हमने वीडियो की की-फ्रेमिंग कर हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज टूल पर सर्च किया तो लवर्स ऑफ द सेक्रेटरी- जनरल ऑफ द काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स, मिस्टर अली अल- अलाख नाम से एक फेसबुक पेज मिला. जिस पर वायरल वीडियो पहले से मौजूद था. इस अकाउंट पर वीडियो को 29 दिसंबर 2013 को अपलोड किया गया था. इस हिसाब से वायरल वीडियो करीब 8 साल पुराना है. 

पड़ताल की अगली कड़ी में हमने साल 2013 की ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली, जिनमें इंसानी सिरों से फुटबॉल खेलते आतंकियों के बारे में जानकारी दी गई हो. तभी हमारे हाथ ar.abna24.com नाम की वेबसाइट पर एक आर्टिकल मिला. जिससे पता चला कि इस वीडियो का तालिबान से कोई लेना-देना नहीं है, ये वीडियो अफ़गानिस्तान का नहीं बल्कि सीरिया का है और वीडियो में दिखाई दे रहे लोग तालिबानी नहीं, अलकायदा के सदस्य हैं. 

https://ar.abna24.com/service/middle-east-lebonan-palestine/archive/2013/12/29/490683/story.html?__cf_chl_managed_tk__=pmd_O.MJ2B.WnA8JHCJGBSTaAYx0WksVY7EwL6MzcCHPDY4-1631242054-0-gqNtZGzNA5CjcnBszRSR

इस तरह हमारी पड़ताल में वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ है. वीडियो ना तो हाल-फिलहाल का है और ना ही इसका तालिबान से कोई कनेक्शन है, आठ साल पुराने वीडियो को तालिबान के मौजूदा हालात से जोड़कर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है.