Agnipath scheme (Photo Credit: twitter)
नई दिल्ली:
भारतीय सेना में चार वर्ष के लिए भर्ती की जाने वाली योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं. सरकार द्वारा 'अग्निपथ' के बारे में भ्रामक जानकारी के कारण युवाओं में शंकाएं उत्पन्न हो रही हैं. अग्निपथ स्कीम को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत सारे भ्रामक अफवाहें फैल रही हैं. ट्विटर हो या फेसबुक या फिर यूट्यूब हर जगह, अग्निपथ स्कीम को लेकर कई गलत जानकारियां और दावे हो रहे हैं. ऐसा ही एक दावा किया गया है कि सरकार इस योजना के जरिए सेना के निजीकरण कर रही है. यूट्यूब पर इससे जुड़ा एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है.
'सरकार' अग्निपथ' के जरिए सेना के निजीकरण की ओर धकेल रही है. एक यूट्यूब चैनल ने इस वीडियो को पोस्ट किया है. इस वीडियो में कहा गया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 'अग्निपथ' स्कीम की बदौलत सेना में निजीकरण कर रही है. भर्ती कुछ निजी एजेंसी द्वारा की जाएगी, जो एक वर्ष में युवाओं को काम कर रखेगी और निकालेगी.' इस वीडियो को पीआईबी फैक्ट चेक ने भी अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है.
एक #Youtube वीडियो में यह दावा किया जा रहा है कि आने वाले समय में अग्निपथ के तहत होने वाली आर्मी भर्ती किसी प्राइवेट एजेंसी के द्वारा की जाएगी।
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 17, 2022
PIBFactCheck:
▶️ यह दावा #फ़र्ज़ी है।
▶️ भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। pic.twitter.com/cGKP23lVMz
प्रेस ब्यूरो ऑफ इंफॉर्मेशन ने स्पष्ट किया है कि भर्ती निजी एजेंसी द्वारा नहीं होगी. पीआईबी ने इस दावे को पूरी तरह से फर्जी बताया है. उसने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा है कि एक यूट्यूब वीडियो में यह दावा किया गया है कि आने वाले समय में अग्निपथ के तहत होने वाली सेना भर्ती, किसी प्राइवेट एजेंसी के द्वारा ही होगी. मगर यह दावा पूरी तरह से फर्जी है. भारत सरकार द्वारा ऐसा कोई ऐलान नहीं किया गया है.''