नीतीश कुमार के इस्तीफे से पहले क्या ऐसा पोस्टर सामने आया? जानें सच
सोशल मीडिया पर जेडीयू ने पटना दफ्तर के बाहर लगे कथित पोस्टर की तस्वीर वायरल हो रही है. इस फोटो में लिखा है 'नीतीश सबके हैं'.
नई दिल्ली:
नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ गठबंधन को तोड़ दिया. उन्होंने महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली है. वे आठवीं बार सीएम पद की शपथ ले चुके हैं. वहीं तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली है. इसी बीच सोशल मीडिया पर जेडीयू ने पटना दफ्तर के बाहर लगे कथित पोस्टर की तस्वीर वायरल हो रही है. इस फोटो में लिखा है 'नीतीश सबके हैं'. दरअसल ये एक पुरानी तस्वीर है जो 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के समय वायरल हुई थी. नीतीश के इस्तीफे के बाद बहुत सारे लोग इस फोटो की मीम के तौर पर पोस्ट करते हुए नीतीश कुमार पर तंज कसने लगे हैं.
इस फोटो को लेकर भ्रम की स्थिति तब सामने आई, जब कई सारे न्यूज आउटलेट्स ने इसे जेडीयू के पटना ऑफिस के बाहर का हालिया फोटो बताकर शेयर किया. इसे ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा, “नीतीश कुमार ने भाजपा को छोड़कर आरजेडी संग गठबंधन करने के बाद जेडीयू के पटना हेडक्वार्टर में नजर आया ‘नीतीश सबके हैं’ स्लोगन वाला पोस्टर.” हालांकि इस ट्वीट को बाद में हटा लिया गया.
इस पोस्टर को लेकर जब पड़ताल की गई तो पता चला यह 2020 का है. इसे बिहार विधानसभा से पहले जेडीयू के पटना दफ्तर के बाहर लगाया था. यह तथ्य सामने आया कि नौ अगस्त को यह पोस्टर नहीं लगाया गया.
नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर
लालू यादव और नीतीश दोनों ने अपनी राजनीतिक पारी एकसाथ शुरू की थी. जनता पार्टी के टिकट पर दोनों ने चुनाव लड़ा था. वर्ष 1985 में नीतीश पहली बार विधायक चुने गए थे. विपक्ष के नेता के रूप में वर्ष 1989 में उन्होंने लालू यादव को समर्थन दिया था. 1990 में जनता पार्टी ने बहुमत पा लिया. मगर वक्त के साथ लालू और नीतीश के संबंधों में कड़वाहट आती गई. 1994 में लालू का साथ छोड़कर नीतीश कुमार जॉर्ज फर्नांडीज के साथ आ गए. उनके साथ मिलकर समता पार्टी तैयार की. इसके बाद भाजपा के साथ वर्ष 1996 में गठबंधन कायम किया. वर्ष 2000 में नीतीश ने भाजपा के साथ मिलकर पहली बार बिहार में सीएम पद की शपथ ली. भाजपा के साथ उनका गठबंधन वर्ष 2013 तक कायम रहा.
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