क्या गरबा पंडाल में बिना पहचान पत्र के नहीं हो रही एंट्री? जानें पूरा सच
गरबा देखने आई लड़कियों और गरबा नृत्य कर रही युवतियों ने कहा सरकार के इस फैसले से हम लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और इस फैसले का स्वागत करते हैं
इंदौर:
गरबा पंडाल में बिना पहचान पत्र के नो एंट्री. न्यूज नेशन, न्यूज स्टेट की टीम ने नवरात्रि के पहले दिन इंदौर के गरबा पंडाल का रियल्टी चेक किया. रियल्टी चेक में गरबा आयोजन स्थल के मुख्य द्वार पर पहचान पत्र को आयोजक जांचेत हुए मिले. आयोजकों ने गैर हिन्दू के प्रवेश पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. आयोजकों का कहना है कि गैर हिन्दू अकेले नहीं आ सकते हैं. परिवार के साथ उनका स्वागत है. लव जिहादी मानसिकता वाले लोगों के लिए यह प्रतिबंध लगाया है. गरबा पंडाल में प्रवेश द्वार से लेकर पूरे पंडाल में वॉलिंटियर युवाओं के पहचान पत्र चेक करते हुए मिले गरबा देखने आए लोगों ने कहा यह निर्णय सरकार ने जो लिया है उसका हम समर्थन करते हैं यह निर्णय बहुत पहले ले लेना चाहिए था.
गरबा देखने आई लड़कियों और गरबा नृत्य कर रही युवतियों ने कहा सरकार के इस फैसले से हम लोग अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और इस फैसले का स्वागत करते हैं कि अब हम सुरक्षित माहौल के बीच गरबा कर सकेंगे. कुछ लोग पहचान छुपाकर गरबा पंडाल में घुस जाते थे. ऐसे लोगों के लिए यह निर्णय एक बड़ा तमाचा है. हालांकि पहचान पत्र के बिना गरबा पंडाल में एंट्री नहीं होगी इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश की कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर के कुछ दिन पहले दिए बयान के बाद से शुरू हुई हो गई थी. उनके इस बयान के बाद से प्रदेश की सियासत गरमाई थी विपक्ष लगातार मंत्री के बयान को लेकर सरकार पर हमलावर है, तो वहीं नवरात्रि के पहले दिन प्रदेश के गृहमंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा ने भी मंत्री उषा ठाकुर के बयान का समर्थन करते हुए बिना पहचान पत्र के गरबा पंडाल में प्रवेश पर प्रतिबंध इसका समर्थन करते हुए गृहमंत्री ने भी मुहर लगा दी.
वहीं दूसरी तरफ हिंदूवादी संगठनों ने गैर हिंदू युवकों के गरबा पंडाल में प्रतिबंध को लेकर मोर्चा खोल दिया था इंदौर बजरंग दल के संयोजक तनु शर्मा ने खुली चुनौती देते हुए कह डाला अगर गैर हिंदू युवक गरबा में घुसे तो आएंगे दो पैर में जाएंगे चार कंधों में लगातार धमकी भरी खुली चुनौती हिंदूवादी संगठनों के द्वारा दिया जा रहा है. इस बार मध्य प्रदेश में पहली बार गरबा पंडाल में पहचान पत्र देखकर दी प्रवेश की अनुमति दी जा रही है.
लव जिहाद के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने उठाया सख्त कदम विपक्ष सरकार के फैसले पर हुई. हमलावर विपक्ष का कहना है, गरबा गुजरात का लोक नृत्य है मां की उपासना का एक तरीका है ना की पूजा है. फिल्मी धुनों से लेकर जन्मदिन पार्टी और पंडाल से लेकर सड़कों पर लोग गरबा कर रहे हैं. सरकार ने जो फैसला किया है वह सही नहीं है. पहले इसके बारे में हिंदूवादी संगठन के नेताओं को पढ़ना चाहिए था, उसके बाद फिर देना चाहिए था बयान.
(रिपोर्ट- मिथलेश)
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