भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की एक बैठक बीते शुक्रवार को हुई थी. इसमें रेपो रेट को बढ़ाने का फैसला लिया गया. यह 0.50 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है. इस का बड़ा असर कार लोन सहित कई अन्य तरह के लोन पर हो सकता है. इस दौरान सोशल मीडिया पर लोन से जुड़ा एक लेटर वायरल हो रहा है. इसे लोग तेजी से शेयर करने में लगे हुए हैं. वायरल हो रहे पत्र पर भारत सरकार, टाटा मोटर्स और एसबीआई का लोगो है. इसके साथ ही उस पर केंद्रीय सचिवालय भी लिखा है, यानि यह पत्र यहां से जारी होने का दावा कर रहा है.
इसके बाद लिखा गया है कि भारतीय कर्मियों के लिए कार फाइनेंस की स्कीम. इस स्कीम के तहत दावा किया जा रहा है कि केंद्र अपने कर्मचारियों को सस्ते लोन दे रही है, जिसका लाभ कोई भी सरकारी कर्मचारी ले सकता है. पत्र में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार सरकारी कर्मचारियों को शून्य ब्याज पर कार फाइनेंस प्रदान कर रही है
इस संदेश लोग सच मानकर आगे बढ़ा रहे हैं. पीआईबी ने जब इस संदेश की पड़ताल की तो यह दावा पूरी तरह से फर्जी पाया गया. पीआईबी फैक्ट चेक ने अपनी एडवाइजरी जारी की है. इसके अनुसार ऐसी कोई भी योजना सरकार की ओर से नहीं चलाई जा रही. ये वायरल लेटर पूरी तरह से फर्जी है.
Source : News Nation Bureau