kurukshetra gita upadesh sthal (Photo Credit: twitter)
नई दिल्ली:
सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें ऐसा दावा किया गया है कि हरियाणा के कुरुक्षेत्र में जहां भगवान कृष्ण (Lord Krishna) ने गीता का उपदेश दिया था, उस जगह मंदिरों के पास एक मजार बना दी गई. सोशल मीडिया पर मजार बनाने का दावा करीब ढाई मिनट का है. इसमें दिखाया गया है कि कैसे मंदिरों के बीच एक छोटी माजर बनाकर, उस पर मुस्लिम धर्म से जुड़ा कपड़ा भी लगाया है. दरअसल, वायरल वीडियो (Viral Video)में एक ऐसा शख्स दिख रहा है, जो मजार के बारे में चौंकाने वाले दावे करते कह रहा है कि कैसे मुस्लिम समाज के लोग हिंदू धार्मिक स्थल पर अपना कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं. गौरतलब है कि कुरुक्षेत्र के इस मंदिर की मान्यता है कि यह वही स्थान है, जहां भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे. ऐसा दावा किया जा रहा है कि वहां एक "मजार" बनाकर लैंड जिहाद किया जा रहा है.
वीडियो में दिख रहे शख्स ने एक ढांचा दिखाते हुए दावा करते हुए कहा कि वह एक मजार है, जो एक नीले कपड़े में ढका हुआ था. इस पर '786' नंबर के साथ 'जय पीर बाबा की लिखा हुआ है. वीडियों में दिख रहे शख्स ने आरोप लगाया है कि यह मुसलमानों द्वारा पवित्र हिंदू स्थल पर कब्जा करने की साजिश है.
मजहबी आँतक एक ऐसी बीमारी है जो जिस देश में एक बार घुस जाए उस देश का सत्यानाश कर देती है, आज ये देख लो जहां महाभारत का युद्ध हुआ था, कुरूक्षेत्र वहाँ भी मजहबियों ने मजार बना दिया। अगर ऐसा ही चलता रहा तो क्या होगा ??🚨
— अखण्ड भारत संकल्प (@Akhand_Bharat_S) May 9, 2022
जागो हिन्दूओं जागो🚩
संज्ञान लें 🙏@cmohry@HaryanaPolice19 pic.twitter.com/XsbLyNGZVX
इस वीडियो को ना सिर्फ सोशल मीडिया यूजर फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर कर रहे हैं, बल्कि अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "कुरुक्षेत्र में लैंड जिहाद? जहां भगवान कृष्ण ने अर्जुन को दिया गीता का उपदेश, वहां बना दी मजार.! पावन हिंदू तीर्थ पर कब्जे की साजिश ?' इसी के साथ हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर और गृहमंत्री अनिल विज को भी टैग किया है.
जानिए वायरल दावे का सच
सोशल मीडिया पर मजार के दावे को लेकर वायरल हो रही वीडियो का सच कुछ और ही है. इस वीडियो की जब सच्चाई का पता लगाया गया तो गीता उपदेश स्थली पर मजार बनाने की बात पूरी तरह से झूठ है. जिस ढाचे का मजार होने का दावा किया जा रहा है, वो असल में एक हिंदू परिवार द्वारा कई वर्ष पहले अपने पूर्वज की याद में बनाई गई एक सरंचना है. पुलिस ने इस दावे को पूरी तरह से झूठा बताया है. पुलिस के अनुसार यह संरचना 30 वर्ष भी ज्यादा पुरानी है और इसे एक हिंदू परिवार ने एक पूर्वज के सम्मान में बनाया था. ऐसे में सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही मजार की बात पूरी तरह गलत सिद्ध हुई है.