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क्या भारत ने श्रीलंका को वाटर कैनन की आपूर्ति की? जानें दावे का सच

पड़ोसी देश श्रीलंका अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. आर्थिक संकट से जूझ रही जनता सड़कों पर उतर आई है.

Updated on: 08 May 2022, 04:50 PM

highlights

  • दावा,  क्रेडिट लाइन के तहत श्रीलंका ने वाटर कैनन वाहन को आयात किया है
  • श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग का कहना है, ये रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह से गलत है

 

नई दिल्ली:

पड़ोसी देश श्रीलंका (Srilanka) अपनी आजादी के बाद से सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रही जनता सड़कों पर उतर आई है. श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) और उनकी सरकार को जबरदस्त विरोध झेलना पड़ रहा है. देश में पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने और मेडिकल सुविधाओं के संकट का सामना करना पड़ रहा है. जनता के विद्रोह को देखते हुए श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने दोबारा से आपातकाल लागू कर दिया है. इस बीच कई रिपोर्ट के जरिए दावा किया गया है कि भारत सरकार की ओर से दी गई क्रेडिट लाइन के तहत श्रीलंका ने वाटर कैनन वाहन (water cannon vehicle)  को आयात किया है. क्या है इस दावे की सच्चाई आइए जाने की कोशिश करते हैं. 

भारतीय उच्चायोग के अनुसार श्रीलंका को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन का मकसद संकट के समय लोगों को भोजन, दवाएं और अन्य जरूरी चीजें मुहैया कराना है. इसके साथ ही कहा गया है कि मदद के उद्देश्य से चावल, लाल मिर्च जैसे खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की जा चुकी है. सरकार लोगों की प्राथमिकताओं के आधार पर चीनी, दूध पाउडर, गेहूं, दवाएं, ईंधन और औद्योगिक कच्चे माल की आपूर्ति के लिए अनुबंध किए  गए हैं.  

भारत ने श्रीलंका को भारत द्वारा दी गई क्रेडिट लाइनों के तहत श्रीलंका को वाटर कैनन वाहनों की आपूर्ति के दावे को पूरी तरह से गलत बताया है. श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग का कहना है, "हमने रिपोर्ट देखी हैं कि भारत सरकार द्वारा विस्तारित क्रेडिट लाइन के तहत श्रीलंका सरकार द्वारा एक वॉटर कैनन वाहन का आयात किया गया था. ये रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह से गलत है. भारत द्वारा किसी भी क्रेडिट लाइन के तहत वाटर कैनन वाहनों की आपूर्ति नहीं की गई है."

आगे यह कहा गया कि भारत से श्रीलंका के लिए 1 बिलियन अमेरिकी  डॉलर की क्रेडिट लाइन का मकसद मौजूदा स्थिति में लोगों के लिए आवश्यक भोजन, दवाओं और अन्य जरूरी वस्तुओं की उपलब्धता के साथ लोगों की मदद करना है. इस तरह की गलत रिपोर्ट श्रीलंका के लोगों के सामने चल रही चुनौतियों का सामना करने के लिए किए गए सहयोग  और प्रयासों में कोई रचनात्मक योगदान नहीं देती है.