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Fact Check: नए साल से यूपीआई ट्रांजैक्शन महंगा होने का क्या है सच, जानें यहां

Fact Check: पीआईबी की फैक्ट चेक ने कहा है कि यह दावा पूरी तरह से गलत है और नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया है.

Updated on: 09 Dec 2020, 12:20 PM

नई दिल्ली:

Fact Check: नए साल से यूपीआई ट्रांजैक्शन महंगे होने और थर्ड पार्टी ऐप के जरिए पेमेंट करने पर अतिरिक्त चार्ज लगाने की खबर को पीआईबी की फैक्ट चेक (PIBFactCheck) में गलत पाया गया है. दरअसल, पिछले दिनों मीडिया में छपी खबरों में यह दावा किया गया था कि नए साल से यूपीआई ट्रांजैक्शन महंगे हो जाएंगे और थर्ड पार्टी एप्स से पेमेंट करने पर अतिरिक्त चार्ज लगेंगे.

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पीआईबी की फैक्ट चेक ने कहा है कि यह दावा पूरी तरह से गलत है और नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया है.

UPI लेनदेन के बारे में छपी खबरें पूरी तरह से फर्जी: NPCI
एनपीसीआई ने भी स्पष्ट किया है कि 1 जनवरी 2021 से UPI लेनदेन के बारे में छपी खबरें पूरी तरह से फर्जी हैं. बता दें कि मीडिया में खबरें आई थीं कि नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 1 जनवरी 2021 से UPI के जरिए होने वाले भुगतान के लिए अतिरिक्त चार्ज लगाने का निर्णय लिया था. यह खबर भी आई थी कि NPCI ने नए साल पर थर्ड पार्टी ऐप के ऊपर 30 फीसदी का कैप लगाने का ऐलान किया है. ऐसा कहा गया था कि इस फैसले के पीछे थर्ड ऐप के वर्चस्व और उसे मिलने वाले विशेष फायदे से रोकना मुख्य वजह है. 

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उन खबरों में यह बात भी सामने आई थी कि गूगलपे, फोनपे, और अमेजन पे जैसे थर्ड पार्टी ऐप के जरिए भुगतान करने पर अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा. हालांकि यह खबर भी थी कि नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने पेटीएम के जैसे ऐप के ऊपर किसी भी तरह का कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगाया है.