Fact Check: क्या मोबाइल की वजह से हुई लड़की की किडनैपिंग?

पड़ताल के दौरान हमनें वायरल वीडियो से ही क्लू तलाशने की कोशिश की तो वीडियो में एक जगह डरावनी स्माइली की इमोजी दिखाई दी, जिससे शक हुआ कि वीडियो फेसबुक से लिया गया है.

पड़ताल के दौरान हमनें वायरल वीडियो से ही क्लू तलाशने की कोशिश की तो वीडियो में एक जगह डरावनी स्माइली की इमोजी दिखाई दी, जिससे शक हुआ कि वीडियो फेसबुक से लिया गया है.

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Pradeep Singh
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फैक्टचेक( Photo Credit : NEWS NATION)

सोशल मीडिया पर एक CCTV फुटेज वायरल है. इस वीडियो में दिखता है कि एक लड़की सड़क पर आने वाले गाड़ियों की तरफ देखती है, लगता है वो किसी गाड़ी का इंतजार कर रही थी. इसी दौरान पीछे से एक लड़का फ़ोन पर किसी से बात करते हुए आता है. हाथ से सड़क की तरफ इशारा करता है. फिर जैसे ही लड़की के सामने वैन आकर रुकती है. लड़का इस लड़की को जबरदस्ती गाड़ी में धकेल देता है. दावा किया जा रहा है कि लड़की की किडनैपंग मोबाइल पर बात करने की वजह से हुई और वायरल वीडियो देश की राजधानी दिल्ली का है.

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वीडियो शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा-"देशवासियों से निवेदन है अपनी बहन-बेटियों को बताएं रोड पर मोबाइल पर ज्यादा बिजी ना रहें और चारों तरफ नजर रखें, एक तरफ चेहरा करके फोन पर बिजी न रहें. अगर कुछ गलत दिखे तो जोर से चिल्लाए. आपकी सतर्कता ही आप को बचा सकती है. आपके आसपास मंडराने वालों पर कड़ी नजर रखें.

पड़ताल

पड़ताल के दौरान हमनें वायरल वीडियो से ही क्लू तलाशने की कोशिश की तो वीडियो में एक जगह डरावनी स्माइली की इमोजी दिखाई दी, जिससे शक हुआ कि वीडियो फेसबुक से लिया गया है. इसके अलावा वीडियो को कई जगह जूम किया जा रहा है, जिससे साबित होता है कि वीडियो सीसीटीवी में रिकॉर्ड नहीं हुआ बल्कि इसे बकायदा शूट किया गया है. साथ ही वीडियो में एक जगह फास्ट फॉरवर्ड फीचर का भी इस्तेमाल किया गया है. वीडियो में जितने भी फीचर दिखाई दे रहे हैं, वो बिना एडिट के मुमकिन नहीं हैं. खास बात ये कि वीडियो में सिर्फ लड़की पर फोकस किया गया है. जिससे लगता है कि पहले से पता कि इस लड़की की किडनैपिंग होने वाली है. वीडियो में ये कुछ ऐसे क्लू थे, जिससे वायरल दावे पर शक पैदा हुआ.

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हमने गूगल रिवर्स इमेज पर वीडियो के की-फ्रेम को सर्च किया तो कई फेसबुक अकाउंट मिले, जिसमें ये वायरल वीडियो डाला गया था. इसमें संजना गलरानी नाम का एक वेरिफ़ाइड फ़ेसबुक अकाउंट भी मिला. इस पेज के बायो में लिखा था कि जागरूकता फ़ैलाने के लिए स्क्रिप्टेड वीडियोज़ पोस्ट किये जाते है. हालांकि पड़ताल के दौरान हमें इस पेज पर वायरल हो रहा वीडियो नहीं मिला. लेकिन हमने देखा कि पेज ने ऐसे कई वीडियोज़ पोस्ट किये हैं जिसे जागरूकता फ़ैलाने के मकसद से बनाया गया है. 

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हमने इस पेज से पोस्ट किये गए एक वीडियो से वायरल वीडियो की तुलना की, कैमरे का नाम CM2, समय और तारीख़ का फॉर्मेट बिल्कुल एक जैसा है. यहां तक कि वीडियो में घटनाक्रम को बताने वाला टेक्स्ट का फॉर्मेट भी एक ही है. इस तरह हमारी पड़ताल में साबित हुआ कि वीडियो के साथ किए जा रहा दावा गलत है. ये वीडियो लड़की की किडनैपिंग का नहीं है बल्कि ये पूरी तरह स्क्रप्टेड था.

Source : Vinod kumar

mobile Fact Check girl kidnapping
      
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