logo-image

Fact Check: क्या ये अकेली रह रही मां का कंकाल है? जानिए वायरल हो रही इस तस्वीर का सच

हमने इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए गूगल सर्च इमेज की मदद से इसे ढूंढा तो हमें एक नाइजीरिया वेबसाइट की लिंक मिली जिसमें यही तस्वीर थी

Updated on: 01 Dec 2019, 12:01 PM

नई दिल्ली:

साल 2017 में एक दर्दनाक घटना सामने आई थी. इसमें एक एनआरई ऋतुराज साहनी डेढ़ साल बाद जब अपने घर मुंबई आया तो उसे घर में अपनी मां का कंकाल मिला था. बताया जा रहा था कि मां घर में अकेली रहती थी और अपने बेटे के वापस लौटने का इंतजार करती थी लेकिन उसका बेटा नहीं लौटा और जब वापस घर आया तो उसे अपनी मां का कंकाल मिला.

इस घटना के 2 साल बाद अब सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है. बताया जा रहा है कि ये तस्वीर इसी घटना से जुड़ी हुई है. तस्वीर को शेयर करने वालों का दावा है कि तस्वीर में दिख रहा कंकाल उसी मां का है जो अपने बेटे का इंतजार करते-करते मर गई. एक यूजर ने तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा, 'यह मुम्बई की करोड़पति स्त्री का शव है. एक करोड़पति NRI पुत्र की मां की लाश है. लगभग 10 माह से 7 करोड़ के फ़्लैट में मरी पड़ी थी. अमेरिका में रहने वाले इंजीनियर ऋतुराज साहनी लंबे अरसे बाद अपने घर मुंबई लौटे, तो घर पर उनका सामना किसी जीवित परिजन की जगह अपनी मां के कंकाल से हुआ. बेटे को नहीं मालूम कि उसकी मां आशा साहनी की मौत कब और किन परिस्थितियों में हुई. आशा साहनी के बुढ़ापे की एकमात्र आशा 'उनके इकलौते बेटे' ने खुद स्वीकार किया कि उसकी मां से आखिरी बातचीत कोई सवा साल पहले बीते साल अप्रैल में हुई थी'.

यह भी पढ़ें: Fact Check: महाराष्ट्र के हंगामे पर पीएम मोदी के वायरल ट्वीट की सच्चाई जानते हैं आप?

क्या है इस तस्वीर की सच्चाई?

हमने इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए गूगल सर्च इमेज की मदद से इसे ढूंढा तो हमें एक नाइजीरिया वेबसाइट की लिंक मिली जिसमें यही तस्वीर थी. लेकिन इस तस्वीर के साथ जो खबर छपी थी वो बिल्कुल उस कहानी से अलग थी जो सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही थी. वेबसाइट पर जो खबर बताई गई थी उसके मुताबिक ये घटना नाइजीरिया के ओगुन राज्य की है. ये कंकाल 2016 में एक पादरी के घर पर मिला था. खबरों के मुताबिक यह नर कंकाल उसकी बहन का था जो साल 2010 से गायब थी. हालांकि बताया ये भी जा रहा था कि उसकी मौत 2010 में ही हो गई थी और तभी से उसका शव कमरे में बंद था.

यह भी पढ़ें: Fact Check: क्या फीस बढ़ोतरी को लेकर हुए JNU प्रदर्शन में लोगों ने लहराए RSS मुर्दाबाद के पोस्टर?

ऐसे में ये साफ है कि जिस कहानी के साथ ये फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है वो सही है लेकिन उसका इस तस्वीर से कोई लेना-देना नहीं है.