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Fact Check:स्कूल में बच्चों को थर्ड डिग्री टॉर्चर, न्यूज़ नेशन की पड़ताल में सामने आया सच

इस मीडिया रिपोर्ट से साबित होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये वीडियो गुजरात के वलसाड का नहीं बल्कि मिस्र के गीजा शहर का है और सात साल पुराना है.

Updated on: 19 Oct 2021, 11:49 PM

नई दिल्ली:

सोशल मीडिया में मासूम बच्चों की पिटाई का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में चार से पांच साल के बच्चे बुरी तरह चीख रहे हैं. किसी को डंडे से पीटा जा रहा है तो किसी पर लात बरसाई जा रही हैं. दावा है कि वायरल वीडियो गुजरात के वलसाड का है, जहां इन बच्चों को शोर मचाने पर बेरहमी से पीटा गया. वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- "एक भी छूटने नहीं चाहिए, ये वीडियो सबको भेजिए ये वलसाड का टीचर शकील अहमद अंसारी है . इसको इतना शेयर करो कि ये टीचर और स्कूल दोनों बंद हो जाएं. वीडियो वायरल होने से काफी फर्क पड़ता है और कार्रवाई होती है."

पड़ताल
गुजरात सरकार ने हाल ही में 5वीं क्लास तक के बच्चों के स्कूल खोलने की मंजूदी दे दी है. लेकिन वायरल वीडियो में जिस जगह बच्चों को पीटा जा रहा है. वहां फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण रखे दिखाई दे रहे हैं. जो वायरल वीडियो के स्कूल का होने पर शक पैदा करते हैं. सच तक पहुंचने के लिए हमने ये वीडियो अपने वलसाड संवाददाता को भेजा...जिन्होंने अपने स्तर पर वीडियो को लेकर जानकारी जुटाई तो पाया कि वीडियो गुजरात के वलसाड का नहीं है.

कैसे सामने आया सच ?

पड़ताल की अगली कड़ी में हमने कुछ की-वर्ड्स का इस्तेमाल किया और इंटरनेट पर इस वीडियो से जुड़ी जानकारी जुटाई तो हमें 10 सितंबर 2014 को बेवकास्ट की गई एक रिपोर्ट मिली.

जिसके मुताबिक वायरल वीडियो मिस्र के गीजा शहर का है, जहां एक अनाथालय के मैनेजर ने इन बच्चों को पीटा. मैनेजर की पत्नी ने इस वीडियो को चुपके से बनाया और वायरल कर दिया. वीडियो के आधार पर आरोपी शख्स को 3 साल की सज़ा सुनाई गई थी. तो इस मीडिया रिपोर्ट से साबित होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये वीडियो गुजरात के वलसाड का नहीं बल्कि मिस्र के गीजा शहर का है और सात साल पुराना है.