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Fact Check: क्या साल 2008 के चीनी दौरे की है ये तस्वीर, जानें सच्चाई

गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई हिंसकत झड़प के चलते स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. एक तरफ जहां 20 जवानों की शहादत के चलते देश गुस्से में हैं तो वहीं इस मुद्दे का राजनीतिकरण भी काफी तेजी से हो रहा है.

Updated on: 22 Jun 2020, 08:46 AM

नई दिल्ली:

गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई हिंसकत झड़प के चलते स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. एक तरफ जहां 20 जवानों की शहादत के चलते देश गुस्से में हैं तो वहीं इस मुद्दे का राजनीतिकरण भी काफी तेजी से हो रहा है. कांग्रेस मोदी सरकार पर जमकर निशाना साध रही और इस घटना पर सवाल उठा रही है. हालांकि बीजेपी कांग्रेसे के आरोपों पर पलटवार करती नजर आ रही है.

इसी कड़ी में हाल ही बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने एक तस्वीर ट्विटर पर शेयर की थी जिसमें कांग्रेस नेता राहगुल गांधी, रॉबर्ट वाड्रा, प्रियंका गांधी और उनके बेटे कुछ चीनी लोगों के साथ नजर आ रहे थे. इस तस्वीर को पोस्ट करते हुए अमित मालवीय ने दावा किया कि साल 2008 में सोनिया, राहुल, प्रियंका, रोबर्ट और उनके बच्चों ने चीन का चौरा किया था. उस समय उनका कोई भी बच्चा किसी सार्वजनिक पद पर नहीं था तो किस आधार पर उन्होंने चीनी मेहमाननवाजी को स्वीकार किया? उन्होंने सवाल उठाया कि डोकलाम से लेकर लद्दाख तक परिवार का हित राष्ट्रीय हित से ऊपर क्यों है? अमित मालवीय के इस ट्वीट को देखकर लग रहा है कि उन्होंने अपने दावे की पुष्टी के लिए इस तस्वीर का इस्तेमाल किया. लेकिन क्या है तस्वीर वाकई 2008 की है? आइए जानते हैं इस तस्वीर की सच्चाई.

क्या है इस तस्वीर की सच्चाई

इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने छानबीन की तो हमें चीन एम्बैसी की वेबसाइट मिली. इस वेबसाइट में यही फोटो दी गई थी जो अमित मालवीय ने ट्विटर पर शेयर की थी. एम्बैसी के मुताबिक ये तस्वीर 21 अप्रैल 2017 की है. तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक 20 अप्रैल को, राजदूत लुओ झाओहुई और उनकी पत्नी के निमंत्रण पर राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी ने ताज होटल में चीनी फूड फेस्टिवल में शिरकत की थी.

बीजेपी के कुछ नेताओं ने भी इस फूड फेस्टिवल में हिस्सा लिया था. ये फूड फेस्टिवल दिल्ली में 13 से 23 अप्रैल यानी पूरे 10 दिन चला था. ऐसे में ये साफ है कि अमित मालवीय द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर 2008 की नहीं बल्कि 2017 की है. हालांकिइस बात में कोई दो राय नहीं है कि साल 2008 में गांधी परिवार ने चीन का दौरा किया था और एक एग्रीमेंट पर साइन किया था.